छात्रों के लिए ‘संजीवनी‘ है परीक्षा पे चर्चा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से मिल रहा करोड़ों बच्चों को लाभ

-परीक्षा की तैयारी और परीक्षा के दौरान मानसिक तनाव से मिली मुक्ति

गुणानंद जखमोला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर ‘परीक्षा पे चर्चा‘ कार्यक्रम के माध्यम से वार्षिक और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में जुटे छात्रों का मनोबल बढ़ाया है। चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा कई सेलिब्रिटीज भी शामिल थे। इस कार्यक्रम के लिए लगभग साढ़े तीन करोड़ से भी अधिक छात्रों ने रजिस्ट्रेशन किया था। उनके अलावा 19.80 लाख शिक्षक और 5.20 लाख अभिभावकों ने भी इस विशेष कार्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2018 में शुरू किए गए इस खास कार्यक्रम का यह आठवां संस्करण था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर उत्तराखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों के छात्र-छात्राओं के साथ संवाद किया। चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी ने टाइम मैनेजमेंट, परीक्षा की तैयारी और सेल्फ डेवलपमेंट को लेकर कई लाभदायक टिप्स शेयर किए।
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा की। इस चर्चा में देशभर के छात्र-छात्राएं वर्चुअल माध्यम से भी जुड़े। इस कार्यक्रम में कुल 36 चुनिंदा छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए खास तौर से उन्हें किताबी कीड़ा बनने से बचने को कहा। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें और परीक्षा के दबाव से बचने के लिए संतुलित जीवनशैली और आहार अपनाएं। उन्होंने कहा कि छात्रों को यह समझना चाहिए कि परीक्षा जीवन का केवल एक हिस्सा है और इसके परिणामों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है उनका समग्र विकास।

पढ़ाई के साथ रचनात्मक गतिविधियों पर जोर

उन्होंने यह भी सलाह दी कि विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अन्य रचनात्मक गतिविधियों में भी अपनी रुचि बनाए रखें, ताकि वे मानसिक रूप से स्वस्थ और सक्रिय रहें। उन्होंने कहा कि जीवन के हर पहलू को समझना और विविध अनुभव प्राप्त करना उतना ही आवश्यक है , जितना कि अच्छी शिक्षा प्राप्त करना। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अगर किसी विद्यार्थी को पढ़ाई में कोई मुश्किल आ रही है, तो उसे एक चुनौती के रूप में देखना चाहिए, ना कि किसी बोझ के रूप में। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि माता-पिता को बच्चों पर अपनी इच्छाएं नहीं थोपनी चाहिए, क्योंकि हर बच्चा अलग-अलग चीजों में अच्छा होता है। हम रोबोट नहीं हैं, इंसान हैं। पीएम ने यह भी कहा कि बच्चों को केवल किताबों में बंद करके दबाव नहीं बनाना चाहिए, उन्हें खुला आकाश चाहिए।

परीक्षा पे चर्चा के दौरान माता-पिता की अपेक्षाओं के कारण किसी विशेष स्ट्रीम या करियर को चुनने के लिए दबाव महसूस करने, अपने माता-पिता को निराश किए बिना अपनी रुचियों को प्रभावी ढंग से कैसे बताने के तरीके भी सुझाए गये। साथ ही अभिभावकों को यह संदेश दिया कि अपनी रुचि या इच्छा को अपने बच्चों पर न थोपें। इस दौरान लंबे समय तक पढ़ाई करने और अत्यधिक स्क्रीन टाइम अक्सर बर्नआउट और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बनता है। परीक्षा के मौसम में अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत को बनाए रखने के लिए छात्रों को व्यावहारिक आदतें बनाने के सुझाव भी दिये गये। परीक्षा पे चर्चा के दौरान छात्रों को स्कूल, कोचिंग, स्व-अध्ययन और व्यक्तिगत समय के बीच संतुलन बनाने के टिप्स भी दिये गये। चर्चा में छात्रों को विफलता का डर त्यागने और डर को कैसे दूर करने की मानसिकता विकसित करने के तरीकों पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा अपना सर्वश्रेष्ठ देने के बावजूद, हर छात्र शीर्ष अंक प्राप्त नहीं करते हैं तो छात्र अपने परिणामों को शालीनता से स्वीकार करना और भविष्य की चुनौतियों के लिए लचीलापन कैसे विकसित कर सकते हैं? इस पर भी चर्चा हुई।

उत्तराखंड से इस बार रिकॉर्ड 2.94 लाख छात्र-छात्राओं का पंजीकरण

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में उत्तराखंड से इस बार रिकॉर्ड 2.94 लाख छात्र-छात्राओं, 32 हजार शिक्षक और 11 हजार अभिभावकों ने पंजीकरण कर आनलाइन सवाल पूछे। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम की अहमियत और औचित्य पर भी उत्तराखंड बोर्ड के 10 छात्र-छात्राओं के एक-एक मिनट के वीडियो केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजे। यह वीडियो जिलावार छात्रों द्वारा तैयार किये गये थे। 2025 परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उत्तराखंड में बीते साल जहां 1.34 लाख छात्रों ने अपने पंजीकरण किया था, वहीं इस बार यह संख्या 2.94 लाख पहुंच गई है। उत्तराखंड की शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने बताया कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के लिए उत्तराखंड से रिकॉर्ड संख्या में छात्रों के पंजीकरण होने पर केंद्र सरकार ने शिक्षा विभाग की प्रशंसा की है।

पिथौरागढ़ की वंशिका राणा का चयन

उत्तराखंड से इस बार एमजीजीआईसी मुनाकोट, पिथौरागढ़ की 12वीं कक्षा की छात्रा वंशिका राणा को प्रधानमंत्री मोदी से संवाद के लिए चुना गया। वंषिका ने बताया कि पूरे देश से 36 छात्र-छात्राओं का चयन किया गया था। 27 जनवरी को उन्हें दिल्ली स्थित हुमाऊं के मकबरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा‘ कार्यक्रम में भाग लेना था। वंशिका के अनुसार प्रधानमंत्री से मिलने की उत्सुकता, उत्साह और मन में ढेरों सवाल थे। प्रधानमंत्री मोदी से संवाद से पहले छात्रों को लाफिंग थेरेपी कराई गयी। प्रधानमंत्री मोदी बहुत ही स्नेह से उनसे मिले और तिल के लड्डू हर बच्चे को स्वयं दिये। यह उसके लिए गर्व की बात थी। प्रधानमंत्री ने वंशिका से पिथौरागढ़ के बारे में पूछा और उसे बताया कि वह स्वयं पिथौरागढ़ जा चुके हैं।
इस कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी रहे अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा डा. मुकुल कुमार सती ने बताया कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के लिए 14 दिसंबर से 14 जनवरी तक केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रश्न को आनलाइन दर्ज कराना था। इन प्रश्नों का परीक्षण करने के बाद दिल्ली में कार्यक्रम के लिए बुलाने के लिए राज्य से 18 छात्र, दो अभिभावक और दो शिक्षकों का चयन किया जाता है। वंशिका राणा का चयन कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद किया गया।

कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद होता है चयन

अपर शिक्षा निदेशक मुकुल सती ने बताया कि निर्धारित मापदंड के मुताबिक चयन समिति ने 18 छात्रों, 2 शिक्षकों और 2 अभिभावकों की उत्कृष्ट प्रविष्टियों को शिक्षा मंत्रालय भेजा था। इसके बाद चयन समिति ने कई मापदंडों के आधार पर छात्र-छात्राओं का चयन करना था। इसके तहत सात विषयों पर सात प्रस्तावित सत्र थे। इस प्रक्रिया का समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक सत्र में हुआ। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 36 छात्रों ने ‘परीक्षा पे चर्चा‘ में प्रधानमंत्री मोदी से सीधा संवाद किया। संवाद में मानसिक स्वास्थ्य से लेकर प्रौद्योगिकी तक, व्यापक विषयों के शीर्ष विशेषज्ञों ने छात्रों को संवादात्मक तरीके से मार्गदर्शन देने के लिए सम्मिलित हुए।
पहली बार इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु,अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, खेल जगत से मैरी कॉम और अवनी लेखरा छात्रों को बोर्ड परीक्षा और तनाव कम करने के लिए टिप्स देंगे।

 

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