देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज। देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। महात्मा गांधी ने कई स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर भारत की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गांधीवादी दर्शन न केवल भारत में प्रासंगिक है, बल्कि कई विदेशी गांधीवादी दर्शन का अनुसरण कर रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं इंडोनेशिया के बाली के आगुस इंद्र उदयन। वह एक विश्व प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्हें कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया है। उनके उत्कृष्ट सामाजिक कार्यों को ध्यान में रखते हुए भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें 2020 में पद्मश्री से सम्मानित किया।
संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एंड मैटरनिटी सेंटर के संस्थापक डॉ. बी. के. एस. संजय जिन्हें भी पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। पद्मश्री डॉ. बी. के. एस. संजय के साथ पद्मश्री लीलाधर जगुरी, पद्मश्री बसंती बिष्ट, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, पद्मश्री माधुरी बर्थवाल, पद्म श्री डॉ. योगी एरोन, पद्म डॉ प्रीतम सिंह भरतवाण, पद्मश्री डॉ आर के जैन, हिमालय वेलनेस कंपनी के अध्यक्ष डॉ. एस. फारूक, शिक्षाविद् डॉ. आदित्य आर्य, सामाजिक कार्यकर्ता आर. के. बख्शी, एन.आर.आई. डॉ. आशुतोष शर्मा, पत्रकार पारितोष किमोठी, हरिओम सिंह, एस.एम.ए. काजमी, डॉ. प्रतीक संजय, बाल कल्याण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना, इंडिया एंड इंटरनेशनल बुक रिकॉर्ड धारक ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय, डिप्टी डायरेक्टर आई. एंड बी. संतोष, वरिष्ठ रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक आहूजा, वरिष्ठ ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. एस.एन. सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. ए.के. सिंह, डॉ. सुजाता संजय, भावना संजय और एस.ओ.एस. सेंटर के कर्मचारियों ने पद्मश्री आगुस इंद्र उदयन को सम्मानित किया।
पद्मश्री आगुस इंद्र उदयन भारत आ रहे थे इसलिए डॉ संजय ने उन्हें शहर के नागरिकों के बीच विचारों के आदान-प्रदान के लिए आमंत्रित किया। देहरादून के सभी नागरिकों ने पद्मश्री इंद्र उदयन के प्रयासों का सराहा और उनका स्वागत किया। मुख्य अतिथि ने समाज को गांधी जी की तरह सादा जीवन जीने का संदेश दिया और गांधी जी वैष्णव जन का प्रिय गीत गाया। सभी मेहमानों ने उनके साथ गाना गाया। पद्म श्री ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. बी. के. एस. संजय ने अपनी नई विमोचित पुस्तक ”उपहार संदेश का” से कविता ”सपने हमारे और आपके” के माध्यम से सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्म लीलाधर जगूड़ी ने किया और डॉ गौरव संजय ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों एवं महानुभावों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम को सभी ने खूब सराहा।
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