
देहरादून। सरस्वती विहार विकास समिति एवं शिव शक्ति मंदिर प्रकोष्ठ अजबपुर खुर्द देहरादून द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा चतुर्थ दिवस की कथा पर कथा व्यास पंडित सूर्यकांत बलूनी ने कहा बुद्धिजीवी ब्रह्माजी के पुत्र हैं कर्मकुशल दक्ष-प्रजापति,कर्म में दक्ष हैं लेकिन-परिणाम से अनभिज्ञ तब इनकी बुद्धिरुप पुत्री सामने आई-सती..।
सती अनिश्चयात्मिका बुद्धि.. पतिव्रता है लेकिन चलायमान होने की प्रबल संभावना…परिणाम दक्ष यज्ञविध्वंसक हुई। लेकिन यही पर्वतराज हिमालय/धर्म मे युधि =स्थिर सत्कर्म की पुत्री =स्थिर वुद्धि हुयी.. पर्वतीय गुणी स्थिर विश्वशनीय बुद्धिरुप…तब शिव नें इनको कथा सौंपी…
उसी कथायुक्त बुद्धि से आज मानव सभ्यता जीवंत है.। इस अवसर पर पंचम सिंह बिष्ट, गजेंद्र भंडारी, बीएस चौहान, कैलाश राम तिवारी, मूर्ति राम विजवान, दिनेश जुयाल, बीपी शर्मा, अनूप सिंह फ़र्तियाल, मंगल सिंह कुट्टी, प्रेमलाल चमोली, पुष्कर सिंह नेगी, वेद किशोर शर्मा, आशीष गुसांईं, जयप्रकाश सेमवाल, जयपाल सिंह बर्तवाल, चिंतामणि पुरोहित, आचार्य उदय प्रकाश नौटियाल, आचार्य सुशांत जोशी, आचार्य अखिलेश बधानी, गब्बर सिंह कैथुरा, ऋषभ पोखरियाल, हिमांशु राणा, आदि उपस्थित थे।
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