देहरादून। भाजपा ने उत्तरकाशी की महापंचायत को लेकर स्पष्ट किया, सभी को अपनी बात रखने का लोकतान्त्रिक अधिकार है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, वहां कानून व्यवस्था को लेकर सरकार सजग है, लिहाजा विपक्ष की चिंता पूर्णतया राजनैतिक हैं। वहीं बारों मास चार धाम यात्रा का स्वागत करते हुए, इसे शीर्ष पर्यटन राज्य बनाने वाला बताया। साथ ही सदन में विपक्ष के हंगामे को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
विभिन्न माध्यमों से मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने उत्तरकाशी प्रकरण पर कहा, लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है। लिहाजा किसी को अपने मुद्दे उठाने से रोकने की पक्षधर भाजपा नहीं हैं। जहां तक सवाल है कानून व्यवस्था का तो उसे सुनिश्चित करना सरकार का उत्तरदायित्व है। जिस पर धामी सरकार अब तक प्रदेश के सभी प्रकरणों में सफल रही है। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को भ्रम और झूठ फैलाने की उनकी रणनीति का हिस्सा बताया। उन्हें आइना दिखाते हुए कहा, जिस तरह कांग्रेस समेत तमाम पार्टी के लोग धरना प्रदर्शन करते हैं ठीक उसी तरह समाज के एक पक्ष ने उत्तरकाशी में अपनी बात रखी है। लेकिन कांग्रेस इसे अलोकतांत्रिक बताकर विरोध कर रही है। चूंकि यह पूरा विषय न्यायालय के संज्ञान में भी है, लिहाजा संविधान सम्मत जो भी उचित कदम है वह सरकार उठा रही है। यहां एक बात पूरी तरह स्पष्ट है कि कानून व्यवस्था को लेकर कोई कोताई नहीं बरती जाएगी।
संसद सत्र को लेकर उन्होंने कहा, सदन विपक्ष के हंगामे के कारण नहीं चल पा रहा है। वहां चर्चा के लिए अनेकों नियम है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्र ना चले इसके लिए एक ही नियम को लेकर सदन नहीं चलने दिया जा रहा है। संसद के कीमती समय का इस तरह हनन किया जाना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए सही नहीं है। अनेकों प्रश्न पूछे जा सकते थे लेकिन मुझे खुशी है कि मैं राज्य से जुड़े कुछ प्रश्नों को उठाने में सफल हुआ हूं। जिस पर सरकार के जवाब से स्पष्ट हुआ है कि संचार, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि विषयों पर केंद्र की योजनाओं का लाभ राज्य को मिलेगा।
बारो मास चार धाम यात्रा शुरू होने का उन्होंने स्वागत करते हुए कहा, शुरू से ही भारतीय जनता पार्टी इसके पक्ष में रही है। पहले भी हमारी सरकारों ने इस पर प्रयास किए हैं। इस बार सीएम धामी और पर्यटन मंत्री ने शीतकालीन यात्रा को लेकर जो तैयारी की है वह प्रशंसनीय है। क्योंकि इसके बाद भविष्य में पर्यटन के हर क्षेत्र चाहे धार्मिक हो, सांस्कृतिक हो, चाहे परंपरा या विरासत, उत्तराखंड देश का शीर्ष राज्य बन सकता है। जिस तरह इसमें कश्मीर सबसे आगे रहता था, आगे हम भी उसके आस पास स्वयं को पायेंगे।
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