देहरादून। विधानसभा चुनाव के लिए खुला प्रचार अभियान एक से 12 फरवरी के बीच ही हो सकेगा। तब तक रैलियों, रोड शो, पद यात्रा, वाहन रैली पर पूरी तरह रोक रहेगी। हालांकि डोर टू डोर प्रचार में अब दस लोग शामिल हो सकेंगे। भारत निर्वाचन आयोग ने आठ जनवरी को विधानसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के साथ ही सभी प्रदेशों में भौतिक चुनावी रैलियों, जनसभाओं पर रोक लगा दी थी।
पिछले सप्ताह स्थिति की निगरानी के बाद आयोग ने उक्त प्रतिबंध 22 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिए थे। अब शनिवार को आयोग ने उक्त स्थिति का फिर जायजा लेने के बाद प्रतिबंधों को आगे बढ़ा दिया है।
आयोग ने उत्तराखंड से मुख्य सचिव, मुख्य निर्वाचन अधिकारी और स्वास्थ्य सचिव से भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद दूसरे चरण में पड़ रहे उत्तराखंड विधानासभा चुनाव के लिए एक से 12 फरवरी के बीच प्रतिबंधों के साथ भौतिक प्रचार की अनुमति प्रदान कर दी है। आयोग ने कहा है कि चूंकि उत्तराखंड में 31 जनवरी को नाम वापसी के बाद ही प्रत्याशियों की लिस्ट फाइनल हो सकेगी। इस कारण यहां इसके बाद ही प्रचार की अनुमति होगी। इसके बाद एक फरवरी से तय शुदा खाली मैदान में अधिकतम पांच सौ लोग या उपलब्ध क्षमता का पचास प्रतिशत उपस्थिति (जो भी अधिक है) के साथ भौतिक मीटिंग हो सकेंगी। इसी प्रतिबंध के साथ प्रत्याशी और दल वीडियो वैन से भी सभा कर सकेंगे। तब तक रैलियों, रोड शो, वाहन रैली, पद यात्रा पर पहले की तरह रोक रहेगी। अलबत्ता डोर टू डोर प्रचार में भी अब सुरक्षा कर्मियों के अलावा पांच की जगह दस लोग शामिल हो सकेंगे। आयोग ने दलों और प्रत्याशियों को बंद कमरे की मीटिंग के लिए पहले ही तीन सौ लोगों की छूट दे चुका है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड सौजन्या ने सभी दलों से दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
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