नई दिल्ली/लखनऊ।। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की चारदीवारी का काम इसी सप्ताह शुरू हो जाएगा। विकासकर्ता कंपनी को कार्य शुरू करने की अनुमति दे दी गई है। इसके साथ ही निर्माण स्थल पर सूचना केंद्र बनाने की अनुमति भी दे दी गई है। नियाल 31 अगस्त तक शेष 17 हेक्टेयर जमीन भी विकासकर्ता को सौंप देगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की गई है। शनिवार को लखनऊ में हुए कार्यक्रम में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को इस जमीन का लाइसेंस 40 साल के लिए दे दिया है। लेकिन अधिगृहीत जमीन में से 1316 हेक्टेयर ही अभी सौंपी जा सकी है। शेष 17 हेक्टेयर जमीन 31 अगस्त तक सौंपी जाएगी। इस जमीन पर पथवाया नाला, दो मंदिर हैं। इन्हें हटाने का काम अभी बचा है। इसके अलावा रिकार्ड में जमीन के कुछ नंबर मेल नहीं हो रहे हैं। इनका कार्य 31 अगस्त से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
नियाल सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि विकासकर्ता कंपनी को अधिगृहीत जमीन की चारदीवारी का निर्माण, जमीन का समतलीकरण करने व निर्माण स्थल पर सूचना केंद्र बनाने की अनुमति दे दी गई है। मास्टर प्लान स्वीकृत होने के बाद एयरपोर्ट का निर्माण कार्य पूरी तरह से शुरू हो सकेगा।
नोएडा एयरपोर्ट का शिलान्यास इसी माह में संभावित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास करेंगे। रन्हेरा पुलिस चौकी के समीप प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए जमीन चिह्नित की गई है। शिलान्यास के बाद अधिगृहीत जमीन की चारदीवारी का काम भी शुरू हो जाएगा। जेवर खुर्जा मार्ग का कुछ हिस्सा भी डायवर्ट किया जाएगा। नियाल के नोडल अफसर शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि विकासकर्ता को जमीन पर कब्जा सौंप दिया गया है। विकासकर्ता द्वारा व्यवस्था किए जाने तक पूर्व सैनिक जमीन की निगरानी करते रहेंगे। एयरपोर्ट के शिलान्यास को देखते हुए मास्टर प्लान को जल्द स्वीकृति दी जाएगी। पहले यमुना प्राधिकरण बोर्ड मास्टर प्लान को स्वीकृति देगा। मास्टर प्लान को नियाल बोर्ड में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। 15 अगस्त तक यह प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।