NIIT फाउंडेशन और CISCO ने सभी सरकारी ITI में साइबर सुरक्षा प्लस प्रोग्राम किया लॉन्च

सितारगंज: उत्तराखंड के युवाओं को नए जमाने की डिजिटल स्किल से सशक्त बनाने के उद्देश्य से डायरेक्टोरेट ऑफ स्किल डेवलपमेंट & एम्प्लॉयमेंट (DSDE), SETU आयोग और NIIT फाउंडेशन ने एक साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत राज्य के सभी इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (ITI) में साइबर सुरक्षा प्लस प्रोग्राम को लागू किया जायेगा। सिस्को द्वारा समर्थित इस साझेदारी का उद्देश्य साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल लिट्रेसी, प्रोफेसनल एज ट्रेनिंग और AI बेस्ड स्किल डेवलपमेंट में डिमांड वाली स्किल से राज्य के हजारों ITI छात्रों को लैस करना है। इससे भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन यात्रा की तरह उत्तराखंड के फ्यूचर रेडी और रोजगारयुक्त युवा कार्यबल तैयार करने के प्रयास को मजबूती मिलेगी।सितारगंज के सरकारी ITI कॉलेज में लॉन्च सेरेमनी का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य सरकार के स्किल डेवलपमेंट & एम्प्लाएलेंट मंत्री सौरभ बहुगुणा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए  इसके अलावा SETU आयोग के वाइस चेयरमैन राज शेखर जोशी ने गेस्ट ऑफ़ ऑनर के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इसके अलावा DSDE, SETU आयोग, सरकारी ITIs और प्रोग्राम पार्टनर्स के सीनियर अधिकारियों ने भी इस इवेंट में हिस्सा लिया। अपने भाषण में आदरणीय मंत्री  सौरभ बहुगुणा ने टेक्निकल एजुकेशन और वोकेशनल प्रोग्राम में फ्यूचर-ओरिएंटेड स्किल्स को शामिल करने पर राज्य सरकार के फोकस पर ज़ोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रोफेशनल एज प्रोग्राम के माध्यम से सॉफ्ट स्किल्स और इंटरव्यू के लिए तैयारी में सुधार करके रोजगार हासिल करने के माध्यम के विस्तार हेतु ITI छात्रों के डिजिटल फाउंडेशन को मजबूत करना बहुत जरूरी है। सौरभ बहुगुणा जी ने अपने वक्तव्य में कहा, “उत्तराखंड तेजी से बढ़ती डिजिटल दुनिया में मौके का फायदा उठाने के लिए अपने युवाओं को तैयार करने के प्रयासों में पूरी तरह से समर्पित है। प्रोफेसनल एज जैसे कार्यक्रम सॉफ्ट स्किल और इंटरव्यू के लिए युवाओं को तैयार करते हैं। इसके अलावा इससे युवा लोग NIIT फाउंडेशन के प्लेसमेंट सपोर्ट से हाई ग्रोथ वाले सेक्टरों में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने में सक्षम हो सकते हैं। फ्यूचर ओरियंटेड स्किल को ITI इकोसिस्टम के साथ लागू करके हम स्किल से लैस, सशक्त और भविष्य के लिए तैयार वाले कार्यबल का निर्माण कर रहे हैं। इससे राज्य की उन्नति होगी और देश के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को भी मजबूती मिलेगी।” SETU आयोग के वाइस चेयरमैन राज शेखर जोशी ने जोर देकर कहा कि ऐसे समय में जब साइबर अपराध तेज गति से बढ़ रहे हैं तो यह साझेदारी साइबर जागरूकता और स्किल डेवलपमेंट के बारे में जागरूकता बढ़ाने में बहुत अहम हो जाती है। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्षमता, जिसमें साइबर सिक्योरिटी और AI संबंधित स्किल भी शामिल है, का निर्माण करके वोकेशनल संस्थान इंडस्ट्री की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा ITI जैसे वोकेशनल संस्थान सभी जिलों में युवाओं के लिए लॉन्ग टर्म रोज़गार के मौके भी बनाने में काफी महत्वपूर्ण हैं। श्री जोशी ने अपने भाषण में कहा, “प्रोफेशनल एज प्रोग्राम ITI युवाओं को जरूरी सॉफ्ट स्किल्स, डिजिटल क्षमता बढ़ाने और इंटरव्यू के लिए पूरी तरह से तैयार होने में मदद करेगा। साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्रोफेशनल स्किल्स से लैस करके NIIT फाउंडेशन के सपोर्टिंग प्लेसमेंट अभियान से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर एक युवा सभी इंडस्ट्री और क्षेत्रों में बेहतर मौके पाए। इससे उत्तराखंड के युवाओं को भविष्य की नौकरियों के लिए एक सही रास्ता मिलेगा और राज्य की आर्थिक तरक्की और भारत की बड़ी डिजिटल महत्वाकांक्षाओं में बड़ा योगदान होगा।”

NIIT फाउंडेशन की ओर से यह पहल भारत के वोकेशनल इकोसिस्टम में स्ट्रक्चर्ड डिजिटल एम्पावरमेंट को बढ़ाने के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। NIIT फाउंडेशन के एजुकेशन & स्किल, राष्ट्रीय प्रोग्राम प्रमुख श्री अखिलेश शर्मा ने कहा, “हमारा मानना है कि हर एक शिक्षार्थी एक हाई क्वॉलिटी डिजिटल शिक्षा और फ्यूचर रेडी स्किल्स हासिल करने का हकदार है। साइबर सुरक्षा प्लस के जरिए हम उत्तराखंड को इंडस्ट्री रेडी युवाओं को तैयार करने में सहयोग करने के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं।” इस इवेंट में CISCO CSR इंडिया के प्रोजेक्ट मैनेजर तरुण एंथोनी और NIIT फाउंडेशन के ऑपरेशन हेड अमर गुप्ता ने भी हिस्सा लिया। साइबर सुरक्षा प्लस प्रोग्राम DSDE, SETU आयोग और प्रोग्राम पार्टनर्स के साथ मिलकर स्ट्रक्चर्ड मॉनिटरिंग और कैपेसिटी-बिल्डिंग सपोर्ट के साथ पूरे उत्तराखंड के ITI संस्थानों में फेज के तहत लागू किया जायेगा। यह पहल उत्तराखंड में रोजगार बढ़ाने, डिजिटल जागरुकता बढ़ाने और साइबर सुरक्षित, स्किल्स से लैस और वैश्विक रूप से कंपटीटिव कार्यबल (वर्कफोर्स) तैयार करने के लिए चलाई गई है।

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