राठ महाविद्यालय पैठाणी में पराक्रम दिवस पर नेताजी सुभाष बोस को याद किया गया

पैठाणी। राठ महाविद्यालय द्वारा नेताजी सुभाष बोस क़े विचारो को लेकर एक ऑनलाइन विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमे मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बागेश्वर के राजनीति विज्ञान विभाग के असि0 प्रोफ़ेसर डॉ0 संतोष कुमार टमटा थे । अपने करीब एक घंटे क़े व्याख्यान मे उन्होंने नेताजी क़े जीवन से लेकर स्वतंत्रता आंदोलन मे उनके योगदान को लेकर विस्तार से चर्चा की उन्होंने कहा की नेताजी सुभाष एक होनहार और मेधावी विद्यार्थी होने क़े साथ-साथ धनाढ्य परिवार से भी ताल्लुक़ रखते थे, उनके पिता कटक (उड़ीसा) क़े मशहूर वकील और प्रसिद्द राजनेता भी थे।
लेकिन उनके मन मे इन सब से इतर देश भक्ति और माँ भारती की रक्षा जनून सवार था, आई0सी0एस0 परीक्षा मे सफल होने क़े बावजूद उन्होंने अंग्रेजो की नौकरी स्वीकार नही की और त्यागपत्र दे कर देश को गुलामी से निजात दिलाने क़े लिये आई0एन0ए0 जैसा सगठन खड़ा  किया, अपने इसी संगठन क़े बल पर उन्होंने दूसरे कई देशो से संपर्क कर  समानांतर सरकार बनाकर उन देशो मान्यता प्राप्त की,और देश के कई हिस्सों को मुक्त भी कराया। उन्होंने देश क़े युवाऔ का आह्वान किया ष्तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगाष् यही कारण है की तमाम तत्कालीन  विपरीत परिस्थितियों क़े बावजूद भी उन्होंने अपने संकल्प को लक्ष्य तक पहुचाया और अपने अदम्य साहस का  परिचय दिया । इस दौरान अंग्रेजो ने उनकी ह्त्या तक का षड्यंत्र तक रचा था।
डॉ0 संतोष कुमार टमटा ने तत्कालीन अंतराष्ट्रीय प्रतिकूल परिस्थियों की भी विस्तार से चर्चा की जिसे नेता जी ने अपनी कुशलता से भेद दिया, ।
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 जितेंद्र कुमार नेगी ने आज के युवाओ से आवहान किया की वे नेताजी से प्रेरणा लें और अपने मजबूत इरादों के साथ आगे बढे़। गोष्ठी आये मुख्य वक्ता डॉ0 संतोष कुमार टमटा  व छात्र/छात्राओं व प्राध्यापकगणों का उन्होंने महाविद्यालय संस्थान की ओर से स्वागत किया और डॉ0 टमटा का आभार व्यक्त किया। गोष्ठी के आयोजन सचिव व शारीरिक शिक्षा विभाग क़े प्रमुख डॉ0 गोपेश कुमार सिंह ने भी सभी आगंतुकों का स्वागत व आभार व्यक्त किया। गोष्ठी का संचालन डॉ0 देव कृष्ण थपलियाल ने किया।

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