कौशल को अपग्रेड करने की जरूरत

नरेंद्र कुमार। भारत की कुल आबादी में लगभग 40 प्रतिशत युवा हैं। यह संसार के देशों में सबसे बड़ी युवा जनसंख्या है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन यानी आईएलओ का अनुमान है कि आगामी दशक के दौरान भारतीय श्रम बल सालाना 80 लाख से अधिक से वृद्धि करेगा। एक देश के रूप में हम इस युवा जनसंख्या का भरपूर फायदा उठा सकते हैं। लेकिन यह तभी संभव है, जब हमारे युवा बदलते हालात व आधुनिक जरूरतों के अनुसार अपने कौशल को अपग्रेड करते रहें। आज संसार निरंतर विकास कर रहा है और डिजिटल भविष्य की ओर बढ़ रहा है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि संसार की बदलती जरूरतों के अनुसार युवा खुद को अपस्किल व रि-स्किल करते रहें। इस दिशा में सरकार ने भी अनेक प्रभावी पहल की हैं ताकि पूरे देश में स्किल विकास को प्रोत्साहित किया जा सके। युवाओं को इनके जरिये जॉब्स पाने व तरक्की करने की उनकी संभावनाओं में इजाफा हो सके। कौशल में निरंतर सुधार के महत्व को दोहराने की आवश्यकता नहीं। फिर भी इस संदर्भ में एक मिसाल देना लाभकारी रहेगा। मानव इतिहास में सबसे बड़ी क्रांति पहिये के आविष्कार से आयी थी। एक गांव में एक परिवार बढईगीरी करता था। उसकी कई पुश्तें लकड़ी के पहिये बनाने में माहिर थीं, जो बुग्गी, बैलगाड़ी आदि में इस्तेमाल होते थे। फलस्वरूप यह परिवार धनी था। लेकिन समय के साथ नये-नये तरीके के पहिये बनने लगे। रबर टायर-ट्यूब चढ़े लोहे के पहिये इस्तेमाल होने लगे। उस परिवार ने अपना स्किल अपग्रेड नहीं किया, लकड़ी के पहिये ही बनाता रहा। उसके वंशजों की स्थिति यह है कि वे मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं।
सरकार ने 2015 में स्किल इंडिया मिशन लांच किया ताकि गतिशील जॉब बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए युवाओं को अपस्किल व रि-स्किल किया जा सके। सरकारी डाटा के अनुसार 1.4 करोड़ युवाओं ने पीएमकेवीवाई के तहत अभी तक ट्रेनिंग हासिल की है। इनमें से 24 लाख ने सफलतापूर्वक प्लेसमेंट हासिल की है, जबकि 54 लाख ने अपस्किल व रि-स्किल कार्यक्रमों में भाग लिया है।
इसके अतिरिक्त दावा यह भी है कि अटल इन्क्यूबेशन सेंटर्स (एआईसी) ने भी बेरोजगारी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। दरअसल, जरूरत इस बात की है कि राज्य अपने शिक्षा फ्रेमवर्क को नयी शिक्षा नीति के अनुरूप मजबूती से करें ताकि कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में जो वर्तमान में शिक्षा प्रदान की जा रही है वह ऐसी हो जाये जिससे रोजगार मिलने की संभावनाएं बढ़ जायें। अवसरों में वृद्धि करने के लिए राज्य सरकारों को चाहिए कि वह उद्योग लीडर्स जैसे इनफोसिस, नासकॉम यानी नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कम्पनीज आदि से स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप्स स्थापित करें ताकि छात्रों की पहुंच स्किल विकास पाठ्यक्रमों तक हो सके और यह सुनिश्चित हो जाये कि वह प्रोफेशनल संसार में जॉब पाने के योग्य हो गये हैं।
इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि कुछ राज्यों ने उद्योग लीडर्स से ऐसी स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप की हुई है, लेकिन इसका दायरा बढ़ाने की जरूरत है और ऐसा सभी राज्यों को करना चाहिए। गौरतलब है कि इनफोसिस अपने स्प्रिंगबोर्ड पोर्टल के जरिये स्किल विकास पाठ्यक्रम व संसाधन ऑफर करती है और इनकी रेंज भी बहुत विस्तृत है। अन्य कंपनियां भी ऐसे ही पाठ्यक्रम ऑफर कर रही हैं जो तेजी से विकास कर रहे जॉब बाजार की मांगों को ध्यान में रखकर डिजाइन किये गये हैं। अगर छात्र इन पाठ्यक्रमों को पूर्ण कर लेते हैं तो उन्हें अपने चुने हुए कैरियर में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक स्किल व योग्यता आ जाती है। छात्रों ने अपनी जॉब संभावना में वृद्धि करने के लिए अपना स्किल कितना अपग्रेड किया है, यह जानना भी जरूरी होता है। मसलन, बीई, बीटेक के छात्र व्हीबॉक्स नेशनल एम्प्लोयबिलिटी टेस्ट (डब्लूनेट) के अपने स्कोर से इसका अंदाजा लगा सकते हैं।
प्रत्येक व्यक्ति के पास अपनी रुचियों, प्राकृतिक क्षमताओं और व्यक्तिगत गुणों के आधार पर कौशल का एक अलग सेट होता है। अधिक कौशल रखने से आपकी व्यावसायिक योग्यता का विस्तार करने और आपको अपनी नौकरी में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। चूंकि प्रत्येक कौशल अलग होता है, इसलिए कौशल की एक विस्तृत श्रृंखला सीखना और विकसित करना आपको अपने करियर में प्रगति करने में मदद कर सकता है। अधिकांश नियोक्ता ऐसे उम्मीदवारों को प्राथमिकता देते हैं जिनके पास विविध प्रकार के कौशल होते हैं। यही कारण है कि आपको अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक कौशल को अपने नौकरी आवेदन में सबसे आगे रखना चाहिए। यहाँ कुछ कारण दिए गए हैं कि ये कौशल क्यों महत्वपूर्ण हैं। पेशेवर विकास में सहायता करता हैरू कौशल का सही सेट आपको अपने करियर में आगे बढ़ने में मदद कर सकता है। कौशल की एक विस्तृत श्रृंखला रखने से आप नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान दूसरों से अलग हो सकते हैं और अपनी मौजूदा भूमिका में पदोन्नति पाने में आपकी मदद कर सकते हैं। उत्पादकता में वृद्धिरू विभिन्न प्रौद्योगिकी, उपकरण और सॉफ्टवेयर का उपयोग करने की क्षमता कार्यस्थल पर आपकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद करती है। व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों कौशल आपको अपने प्रतिस्पर्धियों पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त देते हैं। साथ ही, नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान, नियोक्ता द्वारा समान कार्य अनुभव और योग्यता वाले दो उम्मीदवारों में से चयन करते समय, व्यापक कौशल वाले किसी व्यक्ति को नियुक्त करने की संभावना अधिक होती है। व्यक्तिगत कौशल, जिन्हें सॉफ्ट स्किल या पारस्परिक कौशल के रूप में भी जाना जाता है, वे गुण और विशेषताएं हैं जो इस बात से संबंधित हैं कि आप खुद को कैसे व्यक्त करते हैं। ये कौशल इस बात को आकार देते हैं कि आप स्वतंत्र रूप से और दूसरों के साथ कैसे काम करते हैं। लगभग हर नौकरी के लिए आपको कुछ अच्छे व्यक्तिगत कौशल रखने की आवश्यकता होती है, हालाँकि आवश्यक कौशल एक नौकरी की भूमिका से दूसरी नौकरी में भिन्न हो सकते हैं। ये अमूर्त कौशल हैं जो आपके काम और जीवन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। व्यावसायिक या कठिन कौशल वह तकनीकी विशेषज्ञता है जो आप शिक्षा और कार्य अनुभव के माध्यम से प्राप्त करते हैं। ये व्यावसायिक कौशल आपको अपने कार्य-संबंधित कार्यों को करने में मदद करते हैं। हर नौकरी के लिए कुछ व्यावसायिक कौशल की आवश्यकता होती है।
कुछ नियोक्ता ऐसे उम्मीदवारों को प्राथमिकता देते हैं जिनके पास व्यक्तिगत और व्यावसायिक कौशल का संयोजन होता है। हाइब्रिड कौशल का एक अच्छा उदाहरण ग्राहक सेवा है। ग्राहकों की समस्याओं को हल करने के लिए, आपको असाधारण संचार और संघर्ष समाधान कौशल की आवश्यकता होती है, जबकि आपको ग्राहक सेवा प्रबंधन प्रणाली जैसे सॉफ्टवेयर टूल का उपयोग करने में भी कुशल होना आवश्यक हो सकता है।
नौकरी-विशिष्ट कौशलरू अलग-अलग नौकरी भूमिकाओं के लिए व्यक्तिगत और पेशेवर कौशल के अलग-अलग संयोजन की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, अकाउंटिंग भूमिका के लिए अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर में दक्षता और विवरण पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। नौकरी के लिए आवेदन करते समय, नियोक्ता द्वारा एक अच्छे उम्मीदवार से अपेक्षित कौशल को समझने के लिए नौकरी विवरण पर ध्यान दें। हस्तांतरणीय कौशल हर नौकरी की भूमिका पर लागू होते हैं और हस्तांतरणीय होते हैं। ये आमतौर पर समस्या-समाधान, बातचीत जैसे सॉफ्ट कौशल और कॉपीराइटिंग और गणित जैसे हार्ड कौशल होते हैं। अपने करियर में सफल होने के लिए व्यक्तिगत और व्यावसायिक कौशल दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। नियोक्ता को अपनी योग्यता दिखाने के लिए आप अपने रिज्यूमे में इन दोनों कौशलों का उल्लेख कर सकते हैं।

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