देहरादून। उत्तराखंड आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों मे 10% क्षैतिज आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के कार्यकर्ताओं ने देहरादून में विधानसभा के सामने उग्र प्रदर्शन किया तथा अपनी मांग के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। नायब तहसीलदार सदर राजेंद्र सिंह रावत ने आंदोलनकारियों के बीच में आकर विज्ञापन प्राप्त किया। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र पंत ने कहा कि सरकार एक सप्ताह के भीतर क्षैतिज आरक्षण का विधेयक पास कराने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करें अन्यथा तमाम पार्टी कार्यकर्ता और राज्य आंदोलनकारी सड़कों पर उतरकर जन आंदोलन छेड़ देंगे।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी की संगठन सचिव सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि सरकार उत्तराखंड राज्य का निर्माण करने वाले आंदोलनकारियों के लिए ‘राज्य निर्माण सेनानी’ शब्द का प्रयोग करने के संबंध में दिशा निर्देश जारी करें।राज्य निर्माण सेनानी प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष सुशीला पटवाल ने इस बात पर आक्रोश जाहिर किया कि इससे पहले भी क्षैतिज आरक्षण से संबंधित विधेयक तत्काल राज्यपाल ने 6-7 साल के लिए अपने पास ही रोके रखा और फिर वापस कर दिया था। उन्होंने कहा कि राज्यपाल मात्र केंद्र सरकार का प्रतिनिधि होता है, ऐसे में इस तरह के महत्वपूर्ण विधेयक रोकने का राज्यपाल को कोई अधिकार नहीं है। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि यदि इस बार भाजपा सरकार अथवा राज्यपाल के स्तर पर विधेयक को रोका गया तो फिर प्रदेश की जनता चुप नहीं बैठेगी।
इस अवसर पर ये रहे मुख्यतः शामिल
इस प्रदर्शन मे राजेंद्र पंत प्रदेश अध्यक्ष, सुलोचना ईष्टवाल संगठन सचिव, प्रमोद डोभाल सह कोषाध्यक्ष, विनोद कोठियाल प्रचार सचिव, राजेंद्र गुसांई संगठन सहसचिव, यशोदा रावत जिला अध्यक्ष देहरादून, मनोरमा चमोली जिला अध्यक्ष ऋषिकेश, सुशीला पटवाल राज्य आंदोलनकारी प्रकोष्ठ अध्यक्ष, जगदम्बा बिष्ट वार्ड अध्यक्ष 99, राखी नौटियाल जिला अध्यक्ष पौड़ी, मंजू रावत प्रचार सचिव , इंद्रा देबी, चंपा देवी, बलबीर सिंह नेगी महासचिव, गुलाब सिंह रावत, भरत सिंह, संजय तितोरिया, प्रवीन कुमार, गोविंद अधिकारी, राधेश्याम, योगेश भट्ट आदि मुख्य रूप से शामिल हुए।
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