आईआईपी में यूकोस्ट के सहयोग से आण्विक जांच प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

देहरादून। कोविड-19 की तीसरी लहर के मद्देनजर तैयारियों के अनुवर्ती भारतीय पेट्रोलियम संस्थान देहरादून में उत्तराखंड विज्ञान तथ प्रौद्योगिकी परिषद  (यूकोस्ट) के सहयोग से एक आण्विक जांच प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसके उदघाटन के अवसर पर सभी का स्वागत करते हुए डॉ. अंजन रे,  निदेशक, सीएसआईआर आईआईपी ने बताया कि इस क्रैश कोर्स का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के छात्रों को आरटी पीसीआर तथा सीएसअईआर फेलुदा प्रौद्योगिकी के प्रयोग से आण्विक जांच विधि का प्रशिक्षण प्रदान करना है, जो कोविड-19 की जांच और ट्रैकिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
 उन्होने यह भी कहा कि इस महामारी के दौरान आईआईपी द्वारा कई जनोपयोगी कार्य किए गए हैं,   इनमें आई आई पी की प्रौद्योगिकी पर आधारित उत्तराखंड तथा भारत के अन्य राज्यों में लगाए जा रहे 108 ऑक्सीजन प्लांट मुख्य हैं, इससे इन स्थानों पर भविष्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। उन्हांेने इस अवसर सभी को उपयोग किए हुए मास्क के जिम्मेदारी पूर्ण तरीके से निपटान और पर्यावरण संरक्षण करने के लिए भी कहा। यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने यूकोस्ट द्वारा उत्तराखंड में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे कार्यक्रमो के बारे में बताते हुए कहा कि सीएसआईआर के अग्रणी संस्थान आईआईपी के साथ मिलकर कोविड- 19 की नैदानिक जांच सम्बन्धी आयोजित किया जा रहा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम निश्चित रूप से युवाओ के लिए तथा उत्तराखंड के लिए बहुत उपयोगी होगा. और इसमें प्रशिक्षित युवा एक बहु-उपयोगी मनाव संसाधन सिद्ध होंगे. डॉ. सुनील कुमार वरिष्ठ वैज्ञानिक जैव रसायन तथा जैव प्रौद्योगिकी सीएसआईआर-आईआईपी ने संस्थान में स्थापित कोरोना परीक्षणशाला के कार्याे तथा भविष्य की आवश्यकता के मद्देनजर आईआईपी परीक्षणशाला की तैयारियों  के बारे में बताते हुए इस  बृहद क्रैश कोर्स की विस्तृत जानकारी दी तथा बताया कि इस प्रशिक्षण में क्लासरूम व्याख्यान के अतिरिक्त प्रयोगशाला परीक्षण का अभ्यास भी कराया जाएगा। इस कोर्स को इस तरह तैयार किया गया है कि प्रशिक्षार्थी कोविड-19 की जांच आदि से संबंधित सैद्धांतिक जानकारी के साथ-साथ कोविड-19 सैंपल संग्रह, संग्रह किए गए सैंपल की पैकिंग और परिवहन,  न्यूक्लिक अम्ल  निष्कर्षण तथा संरक्षण, आरटी पीसीआर संस्थापन तथा क्रिस्पर पर प्रयोग-संस्थापन और डाटा विश्लेषण डॉ.  अपर्णा शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी यूकोस्ट देहरादून ने इस अवसर पर कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अपने आप में अद्वितीय है जो उत्तराखंड के युवाओं को नवीन तकनीक का कौशल प्राप्त करने का एक अवसर प्रदान कर रहा है तथा निश्चित रूप से भविष्य में बहुत उपयोगी सिद्ध होगा. वर्तमान में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 50 छात्रों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिनका उत्तराखंड के विभिन्न – विभिन्न जिलों से चयन किया गया है, जिससे की आवश्यकता के समय वे अपने – आपने जिले और आस-पास के क्षेत्र के लिए एक रिसोर्सपर्सन के रूप में कार्य कर सकेंगे। आवश्यकता होने पर और भी अधिक संख्या में प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया जाएगा उन्होने आईआईपी के साथ मिलकर भविष्य में और भी इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की आशा व्यक्त की. इस अवसर पर डॉ घनश्याम ठक्कर, निवासीय चिकित्सा अधिकारी,  सीएसआईआर – आईआईपी ने आणविक निदान के महत्व को प्रतिपादित करते हुए बताया कि सही उपचार के लिए यथासमय सही जांच अत्यावश्यक है. डॉ अजय गुप्ता, प्रमुख, प्रशिक्षण प्रभाग सीएसआईआर – आईआईपी ने इस कार्यक्रम क संचालन किया तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम का परिचय, विभिन्न सत्रों की जानकारी और उपयोगिता तथा आईआईपी – यूकोस्ट के साझे कार्यक्रमो के बारे में बताया. इस अवसर पर डॉ अनिल कुमार जैन, प्रमुख, आरपीपीएम ने आईआईपी द्वारा आयोजित किए जा रहे अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी जानकारी दी।. उनके द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।