भारत के सबसे बड़े कला एवं सांस्कृतिक केन्द्र किरण नादर म्यूज़ियम ऑफ आर्ट्स की नई इमारत के मॉडल का हुआ अनावरण

 

देहरादून: किरण नादर म्यूज़ियम ऑफ आर्ट ने अपने आगामी परिसर के वास्तुशिल्प मॉडल का अनावरण किया। इस नए परिसर को सुप्रसिद्ध घाना-ब्रिटिश वास्तुकार सर डेविड एडजय ने स्थानीय वास्तुकार एस.घोष एंड एसोसिएट्स के साथ मिलकर डिज़ाइन किया है। दिल्ली में साल 2026 में अनावृत होने वाला यह परिसर भारत का सबसे बड़े सांस्कृतिक केन्द्र बनने जा रहा है। इस शानदार खुशी के मौके पर नई दिल्ली में म्यूज़ियम के मॉडल को केन्द्र में रखते हुए नई प्रदर्शनी आरंभ किया गया। प्रदर्शनी के केन्द्र में म्यूज़ियम में स्थित इस नए मॉडल के इर्द-गिर्द म्यूज़ियम के संग्रह में शामिल लगभग दशकों के समय-सीमा में समाहित कलाकार तैयब मेहता (1925-2009), ज़रीना (1937-2020) और नसरीन मोहम्मदी (1937-1990) जैसे नामचीन कलाकारों का काम प्रदर्शनी में शामिल हैं। इसके साथ समकालीन फिल्म निर्माता अमित दत्ता की फिल्म टच एआईआर (2023) भी प्रदशर्नी का प्रमुख हिस्सा हैं। केएनएमए की स्थापना 2010 में भारत के प्रतिष्ठित कला संग्राहकों में से एक किरण नादर द्वारा की गई थी। इसकी स्थापना भारत एवं उपमहाद्वीप के आधुनिक और समकालीन कला को प्रदर्शित करने वाले एक अग्रणी निजी संग्रहालय के रूप में की गई थी। वर्तमान में इसकी दो शाखाएं हैं जो नई दिल्ली और एवं उत्तर-प्रदेश के नोएडा में स्थित हैं। आगामी परिसर जो 100,000 वर्ग मीटर से अधिक में फैला हुआ है इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास, दिल्ली में राष्ट्रीय राजमार्ग (NH8) पर स्थित होगा। किरण नादर, संस्थापक/अध्यक्ष केएनएमए का कहना है, “हम नए भवन के मॉडल का अनावरण करने को लेकर बहुत उत्साहित हैं। केएनएमए के इस नए परिसर की कल्पना एक विश्व स्तरीय सांस्कृतिक केंद्र, एक अत्याधुनिक इमारत और एक ऐसे सांस्कृतिक पावरहाउस के रूप में की गई है जो सभी के लिए उपलब्ध हो। यह सांस्कृतिक खोज, संस्कृतियों के मिलन और विविधताओं से भरपूर वार्तालापों के लिए सर्वश्रेष्ठ जगह होगी। साथ ही एक ऐसी जगह जहां हर तरह के दर्शकों का समावेश एवं जुड़ाव होगा। केएनएमए के केन्द्र में लोग और समाज शामिल हैं। इसकी बुनियाद में कला को लेकर लोगों के बीच की खाई को पाटते हुए, सांस्कृतिक अतीत के खजाने को संरक्षित करने और रचनात्मक कलाकारों एवं विचारकों की एक युवा पीढ़ी को पोषित करने की धारणा शामिल है। सर डेविड एडजय, वास्तुकार: “केएनएमए, भारत के लोगों के साथ-साथ व्यापक वैश्विक कला परिदृश्य के लिए एक नई सांस्कृतिक पेशकश के ज़रिए समकालीन भारतीय कला के उदय को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है। दिल्ली-  जो दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है और जिसका इतिहास 6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक फैला हुआ है- यहां इस म्युज़ियम का होना इसे एक गतिशीलता प्रदान करता है। साथ ही एक जीवित सांस्कृतिक शक्ति के रूप में नया संदर्भ भी देता है। इस प्रकार, शहर के भीतर एक विशिष्ट स्थान पर इसकी उपस्थिति नई इमारत के रूप, लय और परिदृश्य को प्रभावित करेगा।

Loading