देहरादून। जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल ने स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत का जिम्मा नगर निगम को सौंपा है, अब नगर निगम खुद करेगा स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत, ईईएसएल से वापस लिया लाइटों की मरम्मत का कार्य। निगम के नियंत्रण से बाहर ईईएसएल द्वारा भुगतान, कन्ट्रोलरूम, कॉल सेन्टर एवं रिपोर्ट जनरेशन, मैनजमेंट आदि कार्य दिल्ली से संचालित किया जा रहे थे, और जिम्मेदारी व जवाबदेही निगम की थी। 35 टीमें लगातार वार्डवार पूरे शहर की लाइट का मरम्मत का कार्य करेंगी। स्ट्रीट लाइटों की खराबी की शिकायतों के बैकलॉग को शीघ्रातिशीघ्र निस्तारित करने को प्रतिदिन नगर निगम परिसर से 35 वाहनों में 35 टीमें निकलेंगी।
यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि प्रतिदिन प्रातः एवं कार्य निष्पादन के बाद सभी टीमें वापस नगर निगम परिसर में एकत्रित होंगी और हाजरी लगेगी। जिलाधिकारी सविन बंसल के लगातार अथक प्रयासों से जिला अस्पताल को शीघ्र अपना ब्लड बैंक मिलेगा, ब्लड बैंक के लिए शासनादेश जारी हो गया है। ब्लड बैंक के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था भी नामित कर दी गई हैं। डीएम ने 10 दिन में आंगणन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखण्ड पेयजल निर्माण इकाई देहरादून को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। जिला अस्पताल में विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई का भी शीघ्र संचालन किया जाएगा। चिकित्सकों एवं स्टाफ की कमी से नहीं हो पा रहा था निक्कू वार्ड का संचालन, जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया एवं अपने स्तर समन्वय कर स्टाफ की व्यवस्था की। 10 नर्स एवं 1 बालरोग विशेषज्ञ की तैनाती की गई है, एक सप्ताह में दिखेंगे सभी चिकित्सक एवं नर्सिग स्टाफ। डीएम ने निक्कू वार्ड के लिए डेडीकेटेड एंबुलेंस की व्यवस्था की है। 15 नर्सिंग स्टाफ की तैनाती का शासनादेश जारी किया गया है। देहरादून में चैपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना पर भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। डीएम ने सम्बन्धित विभागों की टीमें लगाकर शहर में 10 से अधिक स्थान चिन्हित किए हैं। अभिनव प्रसास प्रथम बार जीरो इन्वेस्टमेंट मॉडल लागू किया गया, जो पहले कभी अमल में नहीं लाया जा सका। शहर में चैपहिया वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों की सुविधा बढ़ने से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर लोगों का रुझान बढ़ेगा। अब नहीं रहेंगी जल संस्थान द्वारा पेयजल लाइनों की मरम्मत के बाद सड़कें उखड़ी-उखड़ी, चार दिन पहले किया वादा पूरा किया। शहर की पेयजल पाइप लाइनों की मरम्मत के कारण खराब हुई सड़कों की मरम्मत के लिए जिलाधिकारी ने जल संस्थान के बजट में कर दिया प्रावधान- असंभव लग रहे कार्यों को किया सरलता से। सड़कों की मरम्मत कार्यों के लिए बनाया अलग मद, इस मरम्मत मद में पहली किश्त के रूप में दिए 75 लाख रुपए जारी किए हैं। जनपद में स्कूलों को स्मार्ट और मूलभूत सुविधाओं को तत्काल उपलब्ध कराने की दिशा में जिलाधिकारी ने की पहल शुरू की है। स्कूलों को फर्नीचर, व्हाईट बोर्ड, डिजिटल स्क्रीन और खेल अवस्थापना सुविधाओं के पेयजल टंकियों के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी के विवेकाधीन कोष के लिए एक करोड़ का फंड दिया है। विद्यालय अनुदान के अतिरिक्त अवशेष संसाधनों की पूर्ति के लिए यह विशेष मद स्कूली बच्चों के सुनहरे पंख लगाएगा।
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