मुरादाबाद। समाज को बांटने वाली राजनीति के किस्से, मारपीट की घटनाएं और दूसरे मामलों के बारे में तो आपने सुना-देखा होगा। आज के हालात ये हैं कि पूरे चुनाव की बिसात ही हिंदू-मुस्लिम को ध्यान में रखकर बिछाई जाती है। लेकिन, दो महिलाओं की दोस्ती उन सभी लोगों के मुंह पर तमाचा है जो समाज को बांटने का काम करते हैं। शहर के रामगंगा विहार की रहने वाली डा. रुपा घोष और डा. महजबीं परवीन की दोस्ती की मिसाल हर जगह दी जाती है। 31 साल पहले दोस्ती की शुरुआत एक मुलाकात से हुई। जो आज तक पूरी तरह कायम है। डा. महजबीं परवीन की मौसी शबनम एनसीसी में एसएमआइ के पद पर थीं। डा. रुपा घोष भी एनसीसी में थीं। उनके साथ ही इनकी मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों की शिक्षा गोरखपुर में एक साथ हुई। दोनों ने नेचुरोपैथ की शिक्षा भी वहीं ली। इसके बाद नौकरी भी वहीं की। अब पिछले 12 साल से मुरादाबाद के कांठ रोड पर गंगा आरोग्य धाम नेचुरोपैथ अस्पताल संचालित कर रहीं हैं। दोनों दोस्त शहर के सभी कार्यक्रमों में भी साथ ही भाग लेती हैं। एक ही घर में दुर्गा मां की पूजा होती है और नमाज भी वहीं अदा की जाती है। इन दोनों को एक-दूसरे के धर्म से कोई दिक्कत नहीं है। दोनों ही एक-दूसरे के धर्म का पूरा सम्मान करती हैं। अपने यहां आने वाले लोगों को भी आपसी मिलनसारी का पाठ भी पढ़ाती हैं। राजनीतिक कोई चर्चा नहीं : डा. महजबीं परवीन और डा. रुपा घोष दिनभर साथ रहती हैं। इस दौरान बीमारियों के इलाज पर चर्चा होती है। लेकिन, बंटवारे की राजनीति पर कोई चर्चा नहीं होती। दोनों के बीच तालमेल का आलम ये है कि दोनों एक दूसरे की भावनाओं का पूरा ख्याल रखती हैं। इनमें से अगर एक की तबीयत खराब हो जाए तो दूसरी महिला को उस वक्त तक सुकून नहीं मिलता जब तक वो ठीक न हो जाए।