विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया

देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशानुसार आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून ने सरकार द्वारा जारी कोविड-19 गाइडलाईन का पालन करते हुए तहसील ऋषिकेश, तहसील विकासनगर, तहसील चकराता एवं तहसील डोईवाला, जनपद देहरादून‘‘ में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के पराविधिक कार्यकर्तागण द्वारा विभिन्न  विषयों पर जानकारी दी गयी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा दी जाने वाली उपलब्धता एवं सहायता ‘‘ विषय पर जानकारी दी गई।
उक्त शिविर में उपस्थित व्यक्तियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा कोविड-19 महामारी के चलते सरकार द्वारा जारी गाईडलाईन का पालन करते हुए सर्वप्रथम सरकार द्वारा जारी गाईडलाईन जैसेः मुह पर मास्क लगाना/सामाजिक दूरी का पालन करने एवं जरूरत पड़ने पर ही  घर से निकलना आदि के बारे अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त उपस्थित व्यक्तियों को उत्तराखण्ड अधिनियम, 2018 में नागरिकों को क्या-क्या अधिकार दिये गये है की भी जानकारी दी गयी, जिसमें अवगत कराया गया कि पीड़ित व्यक्ति को पुलिस द्वारा उत्पीड़न किये जाने पर वह राज्य/जिला पुलिस शिकायत प्राधिकरणों मेें सम्बंधित पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध शिकायत दर्ज करा सकते है। उक्त शिविर में स्थायी लोक अदालत हेतु भी प्रचार-प्रसार किया गया। उक्त शिविर में स्थाई लोक अदालत बाबत् भी जानकारी दी गयी। उपस्थित व्यक्तियों को अवगत कराया कि स्थायी लोक अदालत का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा-22 बी के अन्तर्गत किया गया है। वर्तमान में उत्तराखण्ड राज्य मंे देहरादून, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार एवं नैनीताल में स्थाई लोक अदालत का गठन किया गया है, बाकी समस्त जिलों मंे स्थाई लोक अदालतों के गठन का कार्य विचाराधीन है। जनपद देहरादून मंे स्थायी लोक अदालत का गठन फौजदारी न्यायालय परिसर, देहरादून में किया गया है जिसमें जनउपयोगी सेवाओं से सम्बंधित मामलों का त्वरित/निशुल्क निस्तारण किया जाता है एवं कोई भी व्यक्ति अपने मामलों को उक्त स्थायी लोक अदालत के माध्यम से जल्द से जल्द व कम खर्च में निस्तारित कर सकें।  अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें-स्थाई लोक अदालत, देहरादून, फौजदारी न्यायालय परिसर, देहरादून की ई-मेल आई0डी0- एवं मोबाईल नम्बर पर 8958059156 सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं। शिविर मंे उपस्थित व्यक्तियों को अवगत कराया कि समाज के कमजोर, निर्धन एवं असहाय लोगों को न्याय से वंचित न होना पड़ें इसके लिये विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की नियमावली का गठन किया गया। इस अधिनियम के अन्तर्गत यह प्रावधान किया गया कि समाज के सभी ऐसे वर्ग जो निशुल्क कानूनी सहायता एवं परामर्श प्राप्त करने के वास्तव में हकदार है उन्हें आर्थिक समस्या का सामना न करना पड़े एवं वह अपने अधिकारों को प्राप्त कर सकें एवं समय पर उन्हें न्याय प्राप्त हो सकें। इसके तहत राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों एवं तहसील स्तर पर तहसील विधिक सेवा समिति का गठन किया गया। उक्त अधिनियम के अन्तर्गत राज्य प्राधिकरण या उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जिला प्राधिकरण एवं ताल्लुक प्राधिकरण में प्रत्येक व्यक्ति जिनका कोई मामला विचाराधीन है या दायर करना है उन मामलांे में निम्नलिखित पात्र व्यक्तियों को कानूनी सेवाएं देने के मानदण्ड निर्धारित किए गए हैं। यह भी अवगत कराया कि यदि किसी भी व्यक्ति को अपनी समस्या के निवारण हेतु अन्यथा निशुल्क विधिक सहायता हेतु आवश्यकता हो या उनकी पेंशन/राशनकार्ड/मृत्यु प्रमाण-पत्र आदि को बनाने में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न हो तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के दूरभाष नम्बर 0135-2520873 एवं ई0मेल पर सम्पर्क कर सकता है। इसके अतिरिक्त शिविर मंे उपस्थित व्यक्तियों की समस्याओं का निवारण भी किया गया।