मुख्य वित्तीय अनुपात
-यथा 31 मार्च, 2021 को निवल ब्याज मार्जिन 10 आधार बिंदु बढ़कर 2.04 प्रतिशत हो गया, जो कि 31 मार्च, 2020 को 1.94 प्रतिशत था।
– वित्त वर्ष 2021 के दौरान लागत और आय के अनुपात में 180 आधार अंकों का सुधार होकर यह 12.11 प्रतिशत हो गया, जो कि वित्त वर्ष 2020 के दौरान 13.91 प्रतिशत था।
– यथा 31 मार्च, 2021 को पूंजी पर्याप्तता अनुपात 27.49 प्रतिशत रहा, जबकि यथा 31 मार्च, 2020 को यह 26.62 प्रतिशत था।
– वित्त वर्ष 2021 में प्रति शेयर बही मूल्य बढ़कर रु.388.54 हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह रु.339.13 था।
-31 मार्च, 2021 तक निवल मालियत बढ़कर रु.20,667 करोड़ हो गई, जबकि यथा 31 मार्च, 2020 तक यह रु.18,039 करोड़ थी।
– वित्त वर्ष 2021 में प्रति शेयर आय में सुधार होकर यह रु.45.09 हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह रु.43.51 थी।
शिवसुब्रमणियन रमण, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, सिडबी का उद्धरणः
“सिडबी, कोविड-19 के कारण एमएसएमई क्षेत्र के सामने उत्पन्न हुई चुनौतियों के प्रति क्रियाशील रहा है। साझेदार ऋणदात्री संस्थाओं को भारत सरकार/ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से दिए जाने वाले निधि समर्थन को आगे प्रवाहित करने के अलावा, सिडबी ने एमएसएमई के पुनुरुज्जीवन और उन्हें फलने-फूलने में सीधे सक्षम बनाने के लिए सेफ, सेफप्लस, आरोग, और त्वरित जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं। एमएसएमई क्षेत्र की नई और बढ़ती हुई जरूरतों को पूरा करने के लिए सिडबी ने अन्य बातों के साथ-साथ डिजिटल पोर्टलों के माध्यम से राष्ट्रीय मिशनों को सशक्त बनाने, एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए 11 राज्यों में परियोजना प्रबंधन इकाइयों की स्थापना करने, 7 राज्यों में 1700 महिला गृहस्वामियों का समर्थन करने तथा युवाओं / विस्थापित आबादी की आकांक्षाओं को पूरा करने हेतु 100 स्वावलंबन कनेक्ट केंद्र स्थापित करने और एमएसएमई के लिए स्वावलंबन आपदा प्रतिक्रिया कोष की स्थापना करने सहित अपनी विकासोन्मुख आबद्धताओं को सतत जारी रखा है। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि अपने व्यवसाय संविभाग और लाभप्रदता दोनों को बढ़ाने के अलावा सिडबी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को लागू करने की कसौटी पर खरा उतरेगा और समावेशी आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान जारी रखेगा।