कांवड़िए गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों को रवाना हुए

हरिद्वार। पंचक खत्म होते ही कांवड़ यात्रा चरम पर पहुंचने लगी है। यात्रा के सातवें दिन 25 लाख कांवड़िए गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों को रवाना हुए। यात्रा शुरू होने से लेकर बुधवार तक 73 लाख सात हजार कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर निकल चुके हैं। बुधवार को हाईवे पर डीजे के साथ सजावटी और लाइटों वाली कांवड़ नजर आई। 24 जुलाई तक ऐसा ही नजारा रहेगा। इसके बाद डाक कांवड़ का रेला उमड़ेगा। कांवड़ों पर लगे डीजे पर भगवान का वेश धारण कर कलाकार नृत्य करते हुए नजर आए। हाईवे पर चौराहों पर जाम भी लगा।
धर्मनगरी में बुधवार सुबह से दोपहर तक बारिश रही। सड़कों पर पानी भरा रहा, लेकिन कांवड़ियों के कदम नहीं ठहरे। भोले के जयकारों के साथ कांवड़िए अपने गंतव्य की ओर बढ़ते गए। कांवड़ पटरी से कतार तो हाईवे पर ग्रुपों में डीजे पर गीतों पर उत्साह का माहौल रहा। कांवड़ यात्रा में तीन चरण होते हैं। पहले दूर-दराज के कांवड़िए छोटी-छोटी कांवड़ों को सजाने के बाद उनमें गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों की तरफ प्रस्थान करते हैं। दूसरे चरण में बड़ी कांवड़ चलती है। इसमें ट्रक, कैंटर और ट्रैक्टर-ट्रॉली पर डीजे लगाने के बाद सजावटी और बड़ी कांवड़ लेकर कांवड़िए अपने शिवालयों की तरफ प्रस्थान करते हैं। इन कांवड़ों में डीजे पर भगवान भोलेनाथ के साथ ही राधा-कृष्ण के भजन बजते हैं। भगवान का रूप धारण कर कलाकार नृत्य करते हैं। 16 जुलाई की शाम को चार बजे के बाद पंचक लग गए थे, जो बुधवार को दोपहर 12 बजे के बाद समाप्त हुए। पंचक समाप्त होते ही कांवड़ यात्रा चरम पर पहुंचने लगी। हाईवे पर कांवड़ियों का दबाव दिखा। चौराहों पर जाम लगा। बड़ी कांवड़ के साथ कांवड़िए जत्थों में निकले। कांवड़ यात्रा में अगले पांच दिनों तक धर्मनगरी में भगवा रंग में रंगे शिवभक्तों का सैलाब नजर आएगा। हरकी पैड़ी से लेकर मंदिरों व बाजारों में शिवभक्त कांवड़िए ही केसरियां रंग में रंगे हुए दिखाई दे रहे हैं। कांवड़ यात्रा में कांवड़ियों की बढ़ती भीड़ के साथ ही पुलिस सर्तकता भी बढ़ गई है। हरकी पैड़ी से लेकर अन्य गंगाघाटों और मंदिरों, पार्किंग, बाजारों, होटलों और धर्मशालाओं में डॉग स्क्वायड व बम निरोधक दस्ता पहुंचकर चेकिंग कर रहा है।