बहादराबाद: आईटीसी मिशन सुनहरा कल के अंतर्गत पीपल टू पीपल हेल्थ फाउंडेशन द्वारा बहादराबाद ब्लॉक में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित एक दिवसीय उन्नत प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास कार्यक्रम अत्यंत सफल और प्रभावशाली रहा। कार्यक्रम का उद्देश्य बाल स्वास्थ्य, कुपोषण निवारण एवं सामुदायिक विकास को मजबूत आधार प्रदान करना था, जिसमें प्रतिभागियों को नवीनतम ज्ञान और व्यवहारिक कौशलों से सशक्त किया गया। इस प्रशिक्षण में संतुलित पोषण, ग्रोथ मॉनिटरिंग की वैज्ञानिक प्रक्रिया, सटीक BMI मूल्यांकन, सोशल मैपिंग की तकनीक, तथा कुपोषण की शीघ्र पहचान और प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा गहन और प्रेरक सत्र प्रस्तुत किए गए। प्रतिभागियों को आधुनिक उपकरणों एवं नवीन कार्यप्रणालियों को समझने और अपनाने का सुअवसर मिला।
कार्यक्रम बहादराबाद ब्लॉक के पंचायत भवन में आयोजित हुआ, जिसमें बहादराबाद, रावली मेहद्दूद, ब्रह्मपुरी, सुल्तानपुर मजरी एवं जमालपुर खुर्द सहित विभिन्न क्षेत्रों से 50 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अत्यधिक उत्साह, ऊर्जा और जिज्ञासा के साथ सहभागिता की। मुख्य अतिथि सीडीपीओ बहादराबाद प्रथम सुलेखा सहगल ने सभी कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा—“समुदाय में पोषण एवं बाल संरक्षण की नींव आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ही रखती हैं। प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान तभी सार्थक होगा जब इसे बूथ स्तर पर समर्पण के साथ लागू किया जाए।”उन्होंने कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों की पहचान, निरंतर ट्रैकिंग और विशेष पोषण हस्तक्षेप पर विशेष जोर देते हुए उसकी अनिवार्यता समझाई। सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से प्रश्न पूछे, अपने अनुभव साझा किए तथा नयी तकनीकों को सीखते हुए अपनी कार्यकुशलता को और मजबूत किया। सभी ने एक स्वर में कहा कि— “इस प्रकार के प्रशिक्षण हमारे लिए अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक हैं। इससे हमें नई जानकारियाँ मिलती हैं जिनका हम सीधे अपने कार्य क्षेत्र में लाभ पहुँचा सकते हैं।” कार्यक्रम के अंत में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सोशल मैप तैयार करने के लिए विशेष सामग्री किट वितरित की गई। साथ ही यह घोषणा भी की गई कि शीघ्र ही सभी कार्यकर्ताओं को फैब्रिक पर तैयार प्रिंटेड सोशल मैप उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे क्षेत्रीय कार्यों की योजना और कार्यान्वयन और अधिक सुगम एवं प्रभावी हो सकेगा। यह प्रशिक्षण न केवल ज्ञान-वृद्धि का माध्यम बना, बल्कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मन में अपने दायित्वों को और भी अधिक संकल्पबद्ध, संगठित और पेशेवर ढंग से निभाने का उत्साह भी जागृत कर गया।
