देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज। संगीतकारों, गीतकारों और संगीत के प्रकाशकों की प्रतिनिधि संस्था द इंडियन पर्फॉर्मिंग राइट सोसाइटी लिमिटेड (आईपीआरएस) ने म्यूजिक इंडस्ट्री में महिलाओं का सशक्तीकरण करने के लिए डॉल्बी लैबोरेटरीज (मनोरंजन के डुबा देने वाले अहसास की अग्रणी कंपनी) तथा हंगामा आर्टिस्ट अलाउड के साथ (प्रतिभाओं तथा स्वतंत्र कंटेंट का मंच) के साथ मिलकर ‘हर म्यूजिक’ नामक एक पहल की घोषणा की है। इस गठबंधन का लक्ष्य यह है कि संभावित बाधाओं की पहचान करने तथा खुद को अभिव्यक्त व समृद्ध करने का अनुकूल माहौल बनाने के मद्देनजर भारत में महिला संगीतकारों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाए। इसी 8 मार्च को आने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ये दोनों उपक्रम एक आंदोलन का सूत्रपात करेंगे, जिसमें ‘हर म्यूजिक’ नामक प्रमुख कार्यक्रम के अंतर्गत अनेक तरह की गतिविधियां संपन्न की जाएंगी। ‘हर म्यूजिक’ को तीन चरणों वाले अभियान के तहत ‘अनलीश हर म्यूजिक’, ‘एम पावर हर म्यूजिक ‘तथा ‘सेलिब्रेट हर म्यूजिक’ जैसी गतिविधियों के स्वरूप में और आगे विस्तार दिया गया है।
अभियान के ‘अनलीश हर म्यूजिक’ नामक पहले चरण के अंतर्गत 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एक संगीत गोलमेज कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसके पैनल में संगीत रचने वाली प्रख्यात महिलाओं से लेकर महिला संगीतकार, म्यूजिक इंडस्ट्री की लीडर तथा मीडिया से जुड़ी तमाम दिग्गज और कर्ता-धर्ता महिलाएं शामिल होंगी। इस पैनल में स्नेहा खानवलकर (संगीत निर्देशक), अनुष्का मनचंदा (गायिका, संगीतकार, संगीत निर्माता), एम.एम. श्रीलेखा (गायिका और संगीतकार), नतानिया लालवानी (इंडी पॉप संगीतकार), हीरल विरादिया (साउंड इंजीनियर), अन्वेषा दत्ता गुप्ता (गायिका और संगीतकार), सौमिनी श्रीधर पॉल (वरिष्ठ उपाध्यक्ष, हंगामा आर्टिस्ट अलाउड), सोनाली सिंह (प्रतिभा प्रबंधक) के साथ-साथ निर्मिका सिंह (संपादक, रोलिंग स्टोन) भी शामिल होंगी, जो सत्र का संचालन करेंगी। अभियान के ‘एम पावर हर म्यूजिक’ नामक दूसरे उपक्रम में डॉल्बी, हंगामा आर्टिस्ट अलाउड तथा इंडस्ट्री के दिग्गजों की मदद से सुदूर व गहरी पहुंच वाले, प्रतिभा खोज और ज्ञान-श्रंखला के कार्यक्रम शामिल किए गए हैं, जिनके तहत महिला संगीत कलाकार अपने कला-रूप को समुन्नत करते हुए रचनात्मकता एवं तकनीक का तजुरबा हासिल करेंगी। यह तजुरबा उन्हें अपने रचनात्मक फलक का विस्तार करने में और ज्यादा सहायक सिद्ध होगा। अभियान के तीसरे चरण ‘सेलिब्रेट हर म्यूजिक’ के तहत “महिला संगीत समारोह” के रूप में महिलाओं की संगीत कला को ‘उसकी रचना’ शीर्षक से सराहा और संजोया जाएगा, जो भारत में अपनी तरह का पहला आयोजन होगा।
इंटरनेशनल आर्ट्स द्वारा 2016 से 2018 के बीच किए गए एक अध्ययन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, सामूहिक एफईएमडब्ल्यूएवी से खुलासा होता है कि बॉलीवुड में पुरुष संगीतकार और संगीत निर्माताओं के मुकाबले महिला संगीतकार और संगीत निर्माताओं का अनुपात 1रू80 था। जबकि इंडियन इंडी फ्रंट (2015-2018 के दरम्यान) पर अनुपात का यह आंकड़ा 1रू71 का था। कलाकार-प्रबंधन के मोर्चे पर भी आंकड़ा दयनीय है और इंडस्ट्री में केवल 10ः महिला कलाकार-प्रबंधक ही मौजूद हैं। केवल संगीत रचना और संगीत निर्माण के क्षेत्र ही ऐसे नहीं हैं, जहां महिलाओं की यकीनी कमी दिखाई देती है। निर्णयकर्ता, प्रकाशक, प्रतिभा प्रबंधक, साजिंदे, ए एंड आर, साउंड इंजीनियर, डीजे और म्यूजिक इंडस्ट्री से संबंधित कई अन्य क्षेत्रों में महिला प्रतिनिधित्व की कमी स्पष्ट है। यही वजह है कि आईपीआरएस, डॉल्बी लैबोरेटरीज और हंगामा आर्टिस्ट अलाउड एक सकारात्मक बदलाव लाने तथा भारत की म्यूजिक इंडस्ट्री में महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए एक साथ मिलकर आगे आए हैं।
आईपीआरएस के सीईओ राकेश निगम ने इस पहल पर टिप्पणी करते हुए कहा, “आईपीआरएस, डॉल्बी लैबोरेटरीज और हंगामा आर्टिस्ट अलाउड के बीच हुई इस सहभागिता से हम बेहद रोमांचित हैं। उद्योगों के विस्तृत फलक के अंदर महिला आवाजों की मौजूदगी में भारी उछाल आने के बावजूद हम भारत की म्यूजिक इंडस्ट्री में अभी भी महिला रचनाकारों और संगीतकारों का योगदान बेहद नाकाफी पाते हैं। संगीत रचना एवं संगीत निर्माण से जुड़े क्षेत्रों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत लंबे समय से नगण्य बना रहा है। इस पहल के बल पर हम एक चर्चा छिड़ने की उम्मीद करते हैं, जो इंडस्ट्री में एक बहुत जरूरी बदलाव लाएगी और म्यूजिक इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए ऐसे रास्ते खोल देगी, जो उन्हें इससे पहले सुलभ नहीं थे। इस पहल के माध्यम से हम मौजूदा मुद्दों को डिकोड करने और उन्हें हल करने की दिशा में साथ मिल कर काम करने की आशा करते हैं और रचनात्मक तथा प्रतिभाशाली दिमागों को कुछ इस तरह प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके बदले में हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत और समृद्ध होगी।”
इसके आगे हंगामा आर्टिस्ट अलाउड की वरिष्ठ उपाध्यक्ष सौमिनी श्रीधर पॉल ने बताया, “आधुनिक म्यूजिक इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने का संघर्ष करते वक्त महिलाओं के सामने खड़ी होने वाली समस्याओं के बारे में विचार-विमर्श का एक खुला मंच तैयार करना इस पहल का उद्देश्य है। हम बेहद खुश हैं कि यह सहभागिता आकार ले रही हैय हम आशा करते हैं कि म्यूजिक इंडस्ट्री इस बेहद जरूरी बदलाव का सुफल प्राप्त करेगी, और अपनी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए हम एक लैंगिक तटस्थता वाले कार्यक्षेत्र का निर्माण कर सकेंगे। यह पहल काफी हद तक विलंबित हो चुकी बातचीत की आरंभिक पंक्तियों वाली भूमिका निभाना चाहती है।”
महिला गीतकारों और संगीत निर्माताओं की अनुपस्थिति इंडस्ट्री के लिए किसी संक्रामक महामारी से कम नहीं है। संगीत के कारोबार में एक आमूलचूल परिवर्तन होना चाहिए और उत्साहजनक संख्या में महिला संगीतकारों की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त किया जाना चाहिए। यह आंदोलन महिलाओं को अपनी प्रतिभा धारण करने तथा अपने अनुभव साझा करने की एक अनुकूल और सहयोगपूर्ण जगह तैयार करने वाली पेशकश हैय एक ऐसी जगह, जो संगीत जगत में महिलाओं को प्रेरित करने, सशक्त बनाने और उन्हें सेलीब्रेट करने का मंच बने।