गाजियाबाद। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अकादमी ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के माध्यम से चयनित 50 नए विधि अधिकारियों हेतु इंडक्शन कोर्स आयोजित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य इन अधिकारियों को न्याय के त्वरित एवं प्रभावी पहुँच को सुनिश्चित करने के एजेंसी के मिशन में सहायक सिद्ध होने के लिए आवश्यक ज्ञान व कौशल से सुसज्जित करना है।
इस इंडक्शन कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में, अकादमी ने एक विशेष कार्यक्रम की मेजबानी की, जिसमें सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सूर्य कांत मुख्य अतिथि के रूप में पधारे। अपने मुख्य भाषण में, न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने न्यायिक प्रक्रिया में अभियोजकों एवं जांचकर्ताओं द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिकाओं को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि प्रभावी अभियोजन एजेंसी की जांच व कानूनी शाखाओं के मध्य एक मजबूत साझेदारी पर निर्भर करता है, जो न्याय के निष्पक्ष एवं समय पर पहुँच को सुनिश्चित करता है।
इस कार्यक्रम में सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए, जिनमें अभियोजन निदेशक एवं अपर निदेशक शामिल रहे, जिन्होंने चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया। उनकी उपस्थिति ने इस इंडक्शन कार्यक्रम के महत्व को उजागर किया तथा ईमानदारी व उत्कृष्टता के अपने मैनडेट (डंदकंजम) को बनाए रखने के लिए एजेंसी के भीतर सहभागिता की आवश्यकता को मजबूत किया। यह इंडक्शन कार्यक्रम, सीबीआई में नए भर्ती हुए अधिकारियों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिकाओं के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण चरण है। यह भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने हेतु समर्पित विधि अधिकारियों का एक मजबूत कैडर बनाने के लिए अकादमी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस कार्यक्रम में सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी जिनमें संपत मीना, अपर निदेशक, एवाईवी कृष्णा, अपर निदेशक, डॉ. पद्मिनी सिंह, अभियोजन निदेशक, सीबीआई के डीआईजी प्रशिक्षण अनीश गुप्ता, गाजियाबाद न्यायपालिका के न्यायाधीश, गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा, आईपीएस एवं स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी शामिल हुए।