देहरादून। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3 के लिए पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के साथ समझौता किया है। 1 नवम्बर से 30 नवम्बर तक देश भर के विभिन्न शहरों और कस्बों में आयोजित होने वाले राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 के अनतर्गत चेहरा प्रमाणीकरण और उंगलियों के निशान प्रमाणीकरण तकनीक की डिजिटल प्रक्रिया को बढ़ावा देते हुए दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले सभी पेंशनभोगियों/वरिष्ठ नागरिक पेंशनभोगियों को उनके घर पर ही यह सुविधा प्रदान कर रहे है। इस अभियान के उद्देश्य को सुनिश्चित करने के लिए विभाग अपने डाकिये/ग्रामीण डाक सेवकों के विशाल नेटवर्क से पेंशन भोगियों को उनके घरो में, डाकघरों में एवं डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र शिविरों में यह सेवा प्रदान कर रहा है। इस अभियान में पेंशनभोगी कल्याण संघों, सहित विभिन्न हितधारकों को जोड़ा जाएगा।
इसी क्रम में उत्तराखंड परिमंडल में भी अधिक से अधिक पेंशन भोगियो को लाभान्वित करने के लिए सभी मंडलों के सभी डाकघरों में विशेष रूप से अभियान चलाये जा रहे हैं।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के समन्वय से सभी पेंशनभोगियों के लिए 2020 में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की डोरस्टेप सेवा शुरू की थी। यह सेवा आधार सक्षम बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण पर आधारित है जो कि वृद्ध पेंशनभोगियों के लिए बहुत उपयोगी है क्योंकि उन्हें पेंशन वितरण एजेंसी के कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं है। इस सेवा को प्राप्त करने के लिए पेंशनभोगी को केवल नज़दीकी डाकघर या नज़दीकी डाकघर के डाकिया/ग्रामीण डाक सेवक से संपर्क करना है। मात्र शुल्क रु 70/- (जीएसटी सहित) देकर केवल आधार संख्या और पेंशन का विवरण देकर यह डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बनवाया जा सकता है । इस परिमंडल के 13 प्रधान डाकघरों में स्थापित जीवन प्रमाण पत्र केंद्र से भी यह सुविधा प्राप्त की जा सकती है। इनके अतिरिक्त डाक विभाग के “पोस्ट इन्फो एप के माध्यम से भी डोर स्टेप सुविधा के लिए आवेदन करके डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बनवाया जा सकता है।
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