देहरादून। शिमला में आयोजित 82वें पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का समापन आज हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर द्वारा किया गया। दो दिवसीय सत्र के दौरान 11 प्रस्ताव सदन के पटल पर रखे। इस दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा भी पीठासीन अधिकारियों को संबोधित किया गया।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने शताब्दी यात्रा समीक्षा एवं भविष्य के लिए कार्य योजना एवं पीठासीन अधिकारियों का संविधान एवं जनता के प्रति दायित्व विषय पर अपने उद्बोधन रखे। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि हमें भविष्य के लिए ऐसी कार्य योजना पर काम करना होगा जो हमारी आने वाली पीढ़ियों को एक दिशा दिखाने का काम करें। श्री अग्रवाल ने सुझाव देते हुए कहा कि पीठासीन अधिकारियों की एक स्टैंडिंग समिति बनाई जाए जो इस सम्मेलन के भविष्य के रोडमैप का मसौदा तैयार करे।
विधानसभा अध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सदन में रखे प्रस्ताव में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को वर्ष में दो बार आयोजित किये जाने की बात रखी गई जिसमें एक सम्मेलन दिल्ली में तथा दूसरी किसी विधायिका द्वारा आयोजित किया जाए। विधानसभा के पुनर्गठन के बाद नवनिर्वाचित विधायकों की क्षमता संवर्धन एवं प्रशिक्षण हेतु प्रबोधन कार्यक्रम आयोजित किये जाए ।विधानसभा अध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि 2019 में देहरादून में सम्पन्न हुए पीठासीन अधिकारी सम्मेलन की सफलता एवं व्यवस्थाओं को लेकर सदन में सभी के द्वारा सराहना की गई। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई एवं 11 प्रस्तावों को पारित किया गया। कार्यक्रम के दौरान राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, हिमाचल प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सहित विभिन्न राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति, विधानसभाओं के उपाध्यक्ष एवं विधानसभा के सचिव उपस्थित थे।
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