देहरादून। बहुचर्चित आइजी गढ़वाल की सरकारी कार से लूट के मामले में अभिसूचना विभाग ने दारोगा दिनेश नेगी को बहाल कर दिया है। वह अभिसूचना विभाग में दारोगा हैं, जिन्हें अभी तक तैनाती नहीं मिल पाई है। दो कांस्टेबल अभी निलंबित ही चल रहे हैं, उन पर विभाग जल्द ही निर्णय ले सकता है।
उत्तराखंड में सुर्खियों में रहे इस मामले में डालनवाला कोतवाली में सब इंस्पेक्टर दिनेश नेगी, सिपाही मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना अप्रैल 2019 की लोकसभा चुनाव के दौरान की है। एक प्रापर्टी डीलर ने तीन पुलिसकर्मियों और एक कांग्रेस नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया कि उसे एक सफेद रंग की स्कार्पियो कार सवार पुलिसकर्मियों ने रोका और खुद को चुनाव स्टेटिक टीम से बताकर रुपयों से भरा बैग उससे ले लिया और स्कार्पियो में रखकर फरार हो गए। मामले में जब प्राथमिक जांच हुई तो सीसीटीवी कैमरों के आधार पर तीनों पुलिसकर्मियों की पहचान सब इंस्पेक्टर दिनेश नेगी, सिपाही मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय के रूप में हुई। मामले की जांच कर रहे एसपी देहात ने लूट में तीनों पुलिसकर्मियों को आरोपित ठहराया था। ऐसे में तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। तीनों के खिलाफ अभी कोर्ट में केस विचाराधीन है। तीनों पुलिसकर्मियों ने तत्कालीन आइजी गढ़वाल रेंज अजय रौतेला की कार का इस्तेमाल किया था। उन्होंने राजपुर रोड स्थित एक होटल के पास घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद से लगातार पुलिस विभाग मामले की जांच कर रहा था। मामला हाई प्रोफाइल होने के चलते फाइल कभी पुलिस मुख्यालय तो कभी एसएसपी कार्यालय पहुंच रही थी। पुलिस सूत्रों की मानें तो शिकायतकर्ता की ओर से अब तक यह नहीं बताया गया है कि बैग में कितने रुपये थे। 100, 500 व 2000 रुपये के कितने नोट थे, इसकी भी जानकारी अब तक नहीं लग पाई है।