-सोसायटियों के सदस्य अब करुणामय और जिम्मेदार मानव–कुत्ते सह-अस्तित्व प्रयासों की पूरी जिम्मेदारी संभालेंगे
देहरादून: ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया (पूर्व में ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल इंडिया) ने सामुदायिक नेतृत्व वाले स्ट्रीट डॉग कल्याण और सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन प्रयासों में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। देहरादून की 297 आवासीय सोसायटियों को ‘अभय संकल्प सोसायटी’ के रूप में मान्यता दी गई है, जिन्होंने अपने समुदायों में करुणामय, जिम्मेदार और दयालु मानव–कुत्ते सह-अस्तित्व कार्यक्रमों की औपचारिक जिम्मेदारी ली है। इसका अर्थ है कि इन सोसायटियों के सदस्यों ने कुत्तों की नसबंदी, नियमित टीकाकरण, कुत्तों के व्यवहार और रेबीज जागरूकता, तथा भोजन–पानी प्रदान करने के निर्धारित स्थलों की नियमित देखभाल जैसे ठोस कदम सक्रिय रूप से अपनाए हैं।
इस उपलब्धि का उत्सव मनाने के लिए निवासी, सरकारी अधिकारी, स्वयंसेवक और सामुदायिक नेता, पिताम्बरपुर, टैगोर कॉलोनी, अंशाल ग्रीन वैली, अमन विहार और अन्य क्षेत्रों की लगभग 300 सोसायटियों द्वारा किए गए जमीनी प्रयासों को सराहने हेतु जुट हुए। 2019 से अब तक देहरादून में 52,700 स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी और टीकाकरण किया गया है, जिनमें से 9,800 (18.6%) कुत्तों की देखभाल स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी से संभव हुई।
कार्यक्रम के दौरान, ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया की सामुदायिक सहभागिता की वरिष्ठ प्रबंधक, डालिया जैकब, ने कहा: “यह उत्सव किसी एक कार्यक्रम का नहीं, बल्कि स्वयं समुदाय द्वारा स्वयं आगे बढ़कर नेतृत्व संभालने का उत्सव है। सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि निवासियों की सोच में उल्लेखनीय बदलाव आया है क्योंकि वे अब आवारा कुत्तों को समस्या नहीं मानते बल्कि उन्हें साझा सामुदायिक जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार करते हैं। हमें उन हाउसिंग सोसायटियों को सम्मान देते हुए गर्व है जिन्होंने निरंतर करुणा, जिम्मेदारी और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है। इसी सामूहिक मानसिकता के बदलाव ने देहरादून को मनुष्यों और कुत्तों दोनों के लिए अधिक सुरक्षित शहर बनाया है।”
संगम विहार अभय संकल्प सोसायटी की सदस्य पूनम कौशिक ने अपने अनुभव व्यक्ति करते हुए कहा: “पिछले एक वर्ष में जो परिवर्तन मैंने देखा है, वह अद्भुत है। शुरुआत में हममें से अधिकतर लोग नहीं जानते थे कि स्ट्रीट डॉग्स के साथ कैसे व्यवहार करें — लोग स्ट्रीट डॉग्स के मामले में हिचकते थे, और कभी-कभी डर भी महसूस करते थे। लेकिन जब हमने स्ट्रीट डॉग्स के व्यवहार को समझना शुरू किया और मिलकर छोटे–छोटे कदम उठाए — जैसे निर्धारित स्थान पर भोजन देना, टीकाकरण कराना और आपात स्थिति में उनकी सहायता करना — तो सब कुछ बदल गया। कुत्ते अधिक शांत हो गए, आस-पड़ोस के इलाकों में उनका उपद्रव बंद होने से सुरक्षा बढ़ी, और हम निवासी अपने प्रयासों के बार में अधिक आत्मविश्वासी बने। आज यह सचमुच मिलजुलकर निभाई जाने वाली जिम्मेदारी जैसा महसूस होता है। हमने समझा है कि जब हम उनकी देखभाल करते हैं, तो वे स्वाभाविक रूप से समुदाय का शांतिपूर्ण हिस्सा बन जाते हैं।”
2016 से, ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया, देहरादून नगर निगम के सहयोग से मानव–कुत्ते सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने और करुणामय स्ट्रीट डॉग प्रबंधन को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रहा है। दशकों की सामुदायिक भागीदारी के साथ, ‘अभय संकल्प’ एक सामुदायिक लाभार्थी कार्यक्रम से आगे बढ़कर समुदाय-संचालित आंदोलन बन गया है। आज समुदाय हमारे साझेदार के रूप में कार्य कर रहे हैं, और खुद में धीरे–धीरे अपनी सुरक्षा एवं विकास कार्यों से जुड़ी प्राथमिकताओं के प्रति जिम्मेदारी का भाव विकसित कर रहे हैं। जिम्मेदारी का भाव विकसित होने से विभिन्न समुदाय कुत्तों की आबादी के करुणामय प्रबंधन के समाधान पहचानकर उन्हें लागू कर रहे हैं। ‘अभय संकल्प’ सामुदायिक नेतृत्व के माध्यम से बदलाव लाने का एक मजबूत उदाहरण है।
जानने योग्य बातें:
‘अभय संकल्प’ (अर्थ: भय से मुक्त होने का संकल्प) का उद्देश्य है — लोगों की भागीदारी बढ़ाना, मानव- पशु संघर्ष पैदा होने के अवसरों पर और देखभाल के मामलों में समुदाय के सदस्यों के बीच प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता बनने की क्षमता विकसित करना, और पशु कल्याण हेतु स्थानीय संसाधनों का एक स्थायी नेटवर्क तैयार करना।
2018 से अब तक, इस कार्यक्रम का नेतृत्व 600 सोसायटियों ने किया है, और 7,900 समुदाय सदस्यों ने पशु जन्म नियंत्रण, संघर्ष समाधान और रेबीज रोकथाम पर केंद्रित जमीनी बैठकों में सक्रिय भागीदारी की है।
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