-उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय व जिला कारागार हरिद्वार के मध्य हुआ एमओयू साइन
देहरादून। सूबे में दूरस्थ शिक्षा को विस्तार देते हुये उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ने जिला कारागार हरिद्वार के साथ एमओयू साइन किया है। जिसके तहत कारागार में विभिन्न अपराधों में निरुद्ध कैदियों को विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों में पढ़ाई करने का अवसर मिल सकेगा। इसके अलावा अन्य जनपदों की जेलों के कैदियों को भी उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिये इस प्रकार की पहल की जायेगी। जिला कारागार हरिद्वार में आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) एवं जिला कारागार प्रशासन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। जिसके तहत कारागार परिसर में कैदियों को उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिये विश्वविद्यालय के विशेष अध्ययन केंद्र की स्थापना की जाएगी ताकि जेल में विभिन्न अपराधों में निरुद्ध कैदी उच्च शिक्षा ग्रहण कर सके।
इस अवसर पर उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि उच्च शिक्षा ग्रहण करना प्रत्येक नागरिक का अधिकार है, जिसे सुनिश्चित करने के लिये मुक्त विश्वविद्यालय निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा अभियान के तहत हरिद्वार जेल में बंद कैदियों को उच्च शिक्षा का लाभ पहुंचाया जायेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस पहल से कैदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा और कैद से रिहा होने के उपरांत समाज की मुख्यधारा से जुड़क अपने जीवन को नई दिशा दे सकेंगे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये वरिष्ठ जेल अधीक्षक हरिद्वार मनोज आर्या ने एमओयू होने पर प्रसन्नता जताई और कहा कि शिक्षा प्राप्त करना हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि उपेक्षित वर्ग तक उच्च शिक्षा पहुंचाना बड़ी चुनौती है। हरिद्वार जिला कारागार में अध्ययन केंद्र की स्थापना से कैदियों को शिक्षा का लाभ मिलेगा और वह एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने इस प्रयास की सराहना करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर लर कुलसचिव डॉ. खेमराज भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय समाज के वंचित, उपेक्षित एवं विशेष आवश्यकता वाले वर्गों तक उच्च शिक्षा की अलख जगाने के लिए प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि कोई भी वर्ग उच्च शिक्षा से वंचित न रहे, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ. बृजेश बनकोटी ने बताया कि इस विशेष अध्ययन केंद्र के माध्यम से जेल में बंद कैदी उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नए-नए क्षेत्रों में अध्ययन केंद्र स्थापित कर उच्च शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय से आए सभी अधिकारियों एवं कारागार प्रशासन का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जिला कारागार हरिद्वार की डिप्टी जेलर श्वेता जोशी, विश्वविद्यालय एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी सहित सैकड़ों कैदी उपस्थित रहे।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की यह पहल कारागार में बंद सजायाफ्ता कैदियों के लिए आशा और पुनर्वास का सशक्त माध्यम बनेगी। इसके माध्यम से कैदियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे अपने ज्ञान और कौशल का विकास कर समाज की मुख्यधारा में सम्मानजनक वापसी कर सकेंगे।
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