समाज के निर्माण में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका: डॉ0 जितेंद्र कुमार नेगी

पैठाणी। राठ महाविद्यालय पैठाणी में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित दो अलग-अलग वर्चुअल कार्यक्रमों में वक्ताओं ने शिक्षकों के महत्व को रेखांकित किया। वक्ताओं का मानना था कि शिक्षक समाज का निर्माता और पोषणकर्ता है, जिस तरह के विचारों से वह विद्यार्थियों को को गढेगा, भावी नागरिकों को वैसे ही शिक्षा मिलेगी। किसी भी देश की उसके निर्माण में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है।
महाविद्यालय के शारीरिक शिक्षा संकाय की ओर से आयोजित पहले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित प्राचार्य डॉ0 जितेन्द्र कुमार नेगी ने कहा कि हमे समन्वय स्थापित करके चलना होगा, जहां आधुनिक शिक्षा के साथ हमे रोजगार परख शिक्षा को ग्रहण करना है, वहीं हमे अपने प्राचीन मूल्यों को भी नहीं भुलना चाहिए, जिसमें भारतीय संस्कार और संस्कृति का समावेश है। विभागाध्यक्ष डॉ0 गोपेश कुमार सिंह ने कहा की आदर्श शिक्षक समाज का सचमुच मार्गदर्शक होता है। डॉ0 राजीव दुबे ने कहा कि शिक्षक भावी नागरिकों को तैयार करता है। डॉ0 शिवेंद्र सिंह ने शिक्षक को माँ जैसा पवित्र निस्वार्थ पेशा माना। डॉ0 श्याम मोहन सिंह ने कहा कि किसी राष्ट्र की संरचना उसके भावी नागरिको से तय है, कार्यक्रम को अन्य प्राध्यापकों डॉ0 अखिलेश कुमार सिंह, डॉ0 राजकुमार पाल, डॉ0 संदीप लिंगवाल आदि के अतिरिक्त संकाय के छात्रों चंदन, श्वेता, अंकिता, ललिता, भावना, अंजलि व पंकज पंवार ने भी संबोधित किया।
दूसरा कार्यक्रम महाविद्यालय के स्ववित्त पोषित बी0एड0 विभाग की छात्रा अदिति थपलियाल के संयोजन में सम्पन्न हुआ, जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 जितेन्द्र कुमार नेगी ने की। डॉ0 अखिलेश कुमार सिंह व डॉ0 देव कृष्ण कार्यक्रम में वक्ता के रूप मे उपस्थित रहे।
इस वर्चुअल संगोष्ठी में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं ने गुरु के आदर्श व चरित्र का गुणगान किया कि किस तरह शिक्षक समाज के लिए महत्वपूर्ण प्रेरणादायी तत्व है। कार्यक्रम की शुरुआत निकिता, अदिती की सरस्वती वंदना के गायन से शुरू हुई। कला व मनीषा द्वारा गुरुआंे के सम्मान में कविता पढ़ी। दीपा, प्रेक्षनीं सृष्टि, रजू, ज्योति व नितिन, चंद्र मोहन जोशी ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन नेहा और अमित ने किया। कार्यक्रम में प्राध्यापकों डॉ0 राकेश कुमार, डॉ0 प्रशांत डॉ0 रवि डॉ0 संदीप व डॉ0 राहुल उपस्थित रहे।