रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) के 175 साल के समारोह के शुभारंभ पर, प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी, निदेशक, आईआईटी रुड़की ने उत्तराखंड में मौजूद सभी उच्च शिक्षा संस्थानों (भ्म्प्े) और रुड़की से 200 किमी के दायरे में मौजूद पड़ोसी राज्यों के संस्थानों से मिलकर अनुसंधान, नवाचार और विकास (आर एंड डी) में ज्ञान, सृजन और सहयोग हेतु मुलाकात की। इस कार्यक्रम की मेजबानी आईआईटी रुड़की ने आज सीनेट हॉल में की, जहां पार्टनरिंग संस्थानों के प्रमुख, प्रोफेसर अरुण कुमार, अध्यक्ष 175 वर्ष समारोह समिति, प्रोफेसर संजीव मन्हास, संयोजक समन्वय समिति, आईआईटी रुड़की 175 पार्टनरशिप्स, प्रोफेसर ए के चतुर्वेदी, निदेशक आईआईटी रुड़की, प्रो. मनोरंजन परिदा, उप. निदेशक आईआईटी रुड़की, प्रोफेसर विवेक मलिक, सदस्य समन्वय समिति,175 पार्टनरशिप्स, आईआईटी रुड़की उपस्थित थे। इसके अलावा कार्यक्रम में चेयरमैन,एआईसीटीई (।प्ब्ज्म्) और चेयरमैन बीओजी (ठव्ळ) तथा आईआईटी रुड़की की ऑनलाइन उपस्थिति ने शोभा को बढ़ाया। आयोजन से पहले समझौता ज्ञापन (एमओयू) तैयार किया गया था और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, उत्तराखंड और पांच चयनित शैक्षणिक संस्थानों जैसे ग्राफिक एरा (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), देहरादून स्वामी रामा हिमालयन विश्वविद्यालय, जॉली ग्रांट, देहरादून; नोएडा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, जीआर नोएडा; नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, उत्तराखंड; कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, रुड़की
के बीच सहयोग के लिए प्रारंभिक ढांचा स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की गई। कार्यक्रम के दौरान संस्थानों के प्रमुखों द्वारा समझौता ज्ञापन प्रदर्शित किया गया। साझेदारी का दायरा आईआईटी रुड़की की 175 वीं भागीदारी की पहल में उल्लेखित शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग और विकास को बढ़ावा देना जैसे- अनुसंधान सहयोग, पीएचडी छात्रों का संयुक्त मार्गदर्शन, संकाय सदस्यों को पीएचडी फेलोशिप, सहयोगी संस्थानों से आईआईटी रुड़की में संकाय का दौरा, शोधार्थियों के दौरे का प्रावधान, अन्य के साथ-साथ भागीदार संस्थानों में अनुसंधान क्षमता स्थापित करने में सक्षम बनाने के लिए वित्त पोषण के संयुक्त प्रस्तावों की अनुमति देना।
ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, देहरादून के कुलपति प्रोफेसर एच एन नागराज ने इस साझेदारी का स्वागत किया, जिसका उद्देश्य जीवन को बदलने वाली खोजें, ज्ञान का अधिग्रहण और परिवर्तनकारी अनुभव करना है। प्रोफेसर विजय धस्माना, कुलपति स्वामी रामा हिमालयन यूनिवर्सिटी ने भी समझौता ज्ञापन में उल्लेखित अंतःविषय और बहु-विषयक सहयोग की सराहना की। प्रोफेसर विनोद एम कापसे, निदेशक, नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यू पी) ने इस साझेदारी को अपने उद्देश्य के अनुरूप देखा जो छात्रों को सक्षम करेगा और उन्हें विविध रोजगार के अवसरों से लैस करेगा। साथ ही, प्रोफेसर एल के अवस्थी, निदेशक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड ने भावी पीढ़ियों की चुनौतियों और मांगों पर अनुसंधान के लिए तकनीकी पेशेवरों की शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए एक उत्साहजनक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए साझेदारी पाई; और प्रोफेसर बृज मोहन सिंह, निदेशक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, रुड़की ने शिक्षा और अनुसंधान में इस रणनीतिक अंतर-संस्थान साझेदारी को भविष्य की प्रौद्योगिकियों और विशिष्ट क्षेत्रों में अनुसंधान के मजबूत निर्माण के लिए एक अतिरिक्त बुनियाद के रूप में देखा।
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