देहरादून। एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट (एमआईटी-एसओजी) के तत्वावधान में आयोजित छह दिन की वार्षिक राष्ट्रीय संगोष्ठी भारतीय छात्र संसद के अंतिम दिन राजनीति में युवा – भ्रम और यथार्थ विषय पर रोचक चर्चा हुई। इस सत्र में शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों ने राष्ट्र-निर्माण में सहयोग की दिशा में सही कदम उठाने के लिए विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। सत्र में इन बिंदुओं पर खास जोर दिया गया कि राजनीति किस प्रकार उन्हें भविष्य रचने की ताकत दे सकती है और ताकतवर स्थिति में पहुंचने के बाद उन्हें समाज के प्रति जिम्मेदारी क्यों अनुभव करनी चाहिए। मध्य प्रदेश के विधानसभाध्यक्ष गिरीश गौतम ने इस सत्र की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा, “युवा वह है, जो समानता और न्याय के लिए खड़ा हो। आज राजनीतिक समूह युवाओं को राजनीतिक व्यवस्था का हिस्सा बनाना चाहते हैं क्योंकि उनके पास ताकत, विचार और राष्ट्र के विकास के लिए योगदान करने का दृष्टिकोण है। साथ ही यह भी जरूरी है कि युवाओं को सही रास्ते से उतरने नहीं दिया जाए। हमारे युवाओं को किसी भी प्रकार के विवाद, गलतफहमी और भ्रम से दूर रहना चाहिए।”
सत्र में कांग्रेस के प्रवक्ता और उच्चतम न्यायालय के प्रसिद्ध वकील एडवोकेट जयवीर शेरगिल, झारखंड के रामगढ़ में बरकागांव के माननीय विधायक (कांग्रेस) अंबा प्रसाद, बिहार के सीतामढ़ी में बथनाहा (सुरक्षित सीट) के माननीय विधायक (भाजपा) अनिल कुमार एवं महाराष्ट्र एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग एजूकेशन एंड रिसर्च के संस्थापक ट्रस्टी एवं संरक्षक प्रकाश बी जोशी जैसी प्रख्यात विभूतियां भी रहीं। महाराष्ट्र एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग एजूकेशन एंड रिसर्च के एमआईटी के प्रबंध ट्रस्टी तथा कार्यकारी अध्यक्ष, एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट के मुख्य प्रणेता (चीफ इनीशिएटर) राहुल वी कराड ने छह दिन के विराट कार्यक्रम के अंतिम दिन यह बात दोहराई कि भारतीय छात्र संसद की स्थापना विद्यार्थियों की आवाज को मंच प्रदान करने के लिए की गई थी। यह सबसे बड़ा गैर राजनीतिक मंच है, जहां विद्यार्थी देश की शीर्ष विभूतियों को सुन सकते हैं और उनसे बात करने का मौका पा सकते हैं।