निकायों मे ऐतिहासिक जीत मतलब लोगो ने सराहा धामी के विकास का मॉडल: भट्ट

-भाजपा निकायों के विकास के लिए प्रतिबद्ध, खरा उतरेगी वायदों पर

-वैलेट से चुनाव के बाद भी निगम मे नहीं खुला खाता, सच को स्वीकार करे कांग्रेस

देहरादून। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि निकाय चुनाव मे भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत का तात्पर्य साफ है कि जनता ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के विकास के मॉडल को सराहा है और आशीर्वाद दिया है। भट्ट ने कहा कि विपक्ष के सभी आरोप जनता ने निर्मूल साबित कर दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 11 मे से 10 नगर निगम मे मिली जीत ऐतिहासिक है। निकायों मे सरकार बनाकर जनता ने भाजपा को जिम्मेदारी सौंपी है और भाजपा विकास के लिए दृढ़ संकल्प है। भाजपा को नगर पंचायत और नगर पालिका मे भी जनता ने आशीर्वाद दिया है।

भट्ट ने कहा कि सरकार पर तरह तरह के आरोप लगाने वाली कांग्रेस प्रदेश के किसी भी नगर निगम के मेयर पद पर खाता नही खोल पायी। वहीं उसके निर्वाचित सदस्यों से कई अधिक संख्या निर्दलीय प्रत्याशियों की है। जनता ने ट्रिपल इंजन की सरकार को प्राथमिकता दी, क्योंकि विकास कार्यों मे इससे तारतम्य बना रहता है।

उन्होंने कहा कि सरकार हर क्षेत्र मे संतुलित विकास के आधार पर कार्य कर रही है। निकायों मे विकास कार्य और सुविधाओं के विस्तार के लिए किये जा रहे कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जायेगा। निकाय क्षेत्रों मे जरूरत के मुताबिक कार्य किये जायेंगे। इसके अलावा जो वायदे निकायों के विकास के लिए भाजपा ने जनता से जो वायदे अपने संकल्प पत्र मे किये हैं उन्हे हर हाल मे पूरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सीएम पुष्कर धामी के नेतृत्व मे भाजपा ने एक दो अपवाद को छोड़कर हर चुनाव बड़े अंतर से जीते और विपक्ष कहीं नही दिखा। धामी सरकार मे नजीर बना यूसीसी, नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण, लैंड जिहाद, अतिक्रमण के खिलाफ कड़े कानून अमल मे लाये गये जिसे जनता ने सराहा है। इसी का नतीजा है कि जनता ने भी खुले मन से भाजपा प्रत्याशियों को जीत की दहलीज तक पहुंचाया। भट्ट ने कहा कि इस बार निकाय चुनाव मे जनता ने कांग्रेस को उसकी गलत फ़हमी से भी निजात दिला दी है। ईवीएम से मतदान को वह गड़बड़ी का राग अलापते रही है, लेकिन वैलेट से मतदान के बाद वह नये आरोप लगा रही है। वह सच को स्वीकार करने के बजाय भागने की कोशिश कर रही है। हकीकत यह है कि कांग्रेस जनता का विश्वास खो चुकी है और वह अभी भी तुष्टिकरण मे लगी हुई है।

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