हिम्स बना एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला भारत का पहला एकीकृत अस्पताल

देहरादून। हिम्स (हॉस्पिटल एंड इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिकल साइंसेज), डेराबस्सी, प्रतिष्ठित एनएबीएच (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स) से मान्यता प्राप्त करने वाला भारत का पहला एकीकृत अस्पताल बन गया है। हिम्स चंडीगढ़ और पश्चिम विहार, दिल्ली को भी एनएबीएच की मान्यता मिली है। ये अस्पताल किडनी और लिवर की विफलता, कैंसर तथा ऑटो-इम्यून के रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज कर रहे हैं।

आमतौर पर एलोपैथी वाले अस्पतालों को एनएबीएच मान्यता मिलती है। यह एक बड़ी उपलब्धि है कि किसी आयुर्वेद अस्पताल को यह दर्जा मिला है। हिम्स भारत का पहला एनएबीएच आयुर्वेदिक पंचकर्म अस्पताल है, जहां दवाओं का उपयोग नहीं होता है। इसके बजाय हिम्स क्लीनिक में जीवनशैली में बदलाव और प्राकृतिक तरीकों से रोगियों को ठीक किया जाता है।” हमारे लिए यह गर्व की बात है कि आयुर्वेद को अब केंद्र सरकार से भी मान्यता और स्वीकृति मिल रही है। मैं हिम्स को एनएबीएच मान्यता प्रदान करने के लिए प्रधान मंत्री  नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्रालय का आभारी हूं। अस्पताल की एनएबीएच मान्यता से हमारी गुणवत्तापूर्ण देखभाल, नैतिकता, निरंतरता और रोगियों के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि होती है। हमें इस बात का गर्व है कि एनएबीएच ने हमारे अस्पताल में भरोसा जताया। हम पेशेवर माहौल में सर्वोत्तम सेवा प्रदान करने के अपने प्रयास जारी रखेंगे, ”गुरु मनीष, संस्थापक, हिम्स एवं शुद्धि आयुर्वेद, ने कहा। भारत में 100 से अधिक शुद्धि क्लीनिक है, और दिल्ली व एनसीआर में 12 आयुर्वेदिक क्लीनिक मौजूद हैं, जिन्हें सीजीएचएस और डीजीएचएस ने अनुमोदित किया है। जीना सीखो लाइफ केयर प्राइवेट लिमिटेड के रूप में संचालित ये आयुर्वेदिक क्लीनिक न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, ओल्ड राजेंद्र नगर, पीतमपुरा, रोहिणी, शास्त्री नगर, द्वारका, लक्ष्मी नगर, फरीदाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, वैशाली और राजनगर (गाजियाबाद) में स्थित हैं। गुरु मनीष द्वारा फैलाई जा रही जागरूकता से आयुर्वेद में बीमा का एक नया चलन भी शुरू हुआ है। इस सुविधा के तहत अब सरकारी कर्मचारी मुफ्त में अपना इलाज करा सकेंगे।

 1,306 total views,  1 views today