उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे, बीमारों को कंडियों से पंहुचाया जाता है सड़क तक

देहरादून। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे हैं। सड़क और स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांवों मंे किसी के बीमार होने पर उन्हें कंडी-डंडी से सड़क तक पहुंचाया जाता है, समय पर इलाज न मिलने पर मरीज की मौत तक हो जाती है।
दूरस्थ ईरानी गांव जो सड़क से 8 किमी दूर है यहां की भवानी देवी के अचानक बीमार हो जाने पर उन्हें उपचार के लिये गांव के पथरीले रास्ते से 8 किमी की दूरी तय कर डंडी कंडी के सहारे सड़क तक लाना पड़ा। इसके बाद उन्हें वाहन की जरिए अस्पताल पहुंचाया।
बीती रात को ईराणी की भवानी देवी पत्नी रमेश सिंह की तबीयत अचानक बिगड़ गयी। उन्हें भंयकर पेट दर्द हुआ। गांव में स्वास्थ्य सुविधा न होने से बीमार भवानी देवी रात भर दर्द से तड़पती रहीं। शनिवार की सुबह गांव के लोग उन्हें डंडी कंडी में बैठाकर कठिन पथरीले रास्ते से किसी तरह सड़क तक लाये। जहां से उन्हें जिला चिकित्सालय उपचार के लिये पहुंचाया गया। चमोली जिले में दूरस्थ और कठिन परिस्थितियों में जीने वाले ऐसे गांव जहां सड़क व स्वास्थ्य सुविधा नहीं है। ऐसे गांवों की संख्या कम नहीं हैं । किसी के बीमार होने पर डंडी कंडी से कई किमी का रास्ता तय कर ग्रामीणों और परिजनों को बीमार को सड़क और अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है। उर्मग घाटी और डुमक कलगोंठ, किमाणा आदि गांवों की भी ऐसी ही स्थिति है ।