हालमार्किंग स्वीकार्य, लेकिन सामान पर यूनिक आई डी नंबर कतई स्वीकार्य नहींः पंकज मैसोन

देहरादून। जैसा कि आपको ज्ञात हैं की कोरोना काल के चलते इस वक्त सभी प्रकार के व्यापार बंद हैं जिसमे ज्वैलरी का व्यापार भी पिछले डेढ़ वर्ष से प्रभावित है और पिछले डेढ़ महीने से पूर्ण रूप से बंद हैं इस बंद के दौरान और महामारी के चलते देश एवं प्रदेशवासियों को किस प्रकार से सुविधाए पहुँचानी हैं उसकी चिंता करने के बजाय उल्टा कड़े कानून लाकर स्वर्ण व्यवसायीयो को प्रताड़ित क्यों किया जा रहा हैं।
भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा हॉलमार्किंग को लेकर जो नई कानून व्यवस्था बनाई जा रही हैं इसको इतने कड़े कानून मे ना लाकर सरल कानून बनाये जाए और जो निति आयोग द्वारा स्वर्ण व्यवसायियों के लिए सिफारिश की गई हैं उन्ही की सिफारिश के आधार पर कोई भी कानून लागू हो ताकि भविष्य मे इन्स्पेक्टर राज स्थापित न हो सके ताकि छोटे स्वर्णकार एवं ज्वैलर्स को अपना व्यापार बंद न करने पड़े। हमारा आपसे यह कहना हैं कि जो कड़े नियम आप द्वारा स्वर्णकार एवं ज्वैलर्स पर लागू किये जा रहे हैं उससे आने वाले समय में स्वर्ण व्यवसाय करने वाले दुकानदारों को बहुत ज्यादा परेशानियों और दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जैसा कि लॉकडॉन मे पहले ही सारा कारोबार ठप्प पड़ा हुआ है और स्वर्णकार का व्यवसाय करने वाले लोग बहुत ज्यादा पढे लिखे न होने के कारण इतने सख्त कानून को वह किस प्रकार से अम्ल मे ला सकेंगे क्योंकि स्वर्णकारो का व्यवसाय एक असंगठित व्यवसाय हैं तो यह मुमकिन नहीं हो पायेगा और लॉकडाउन के चलते हालमार्क अनिवार्य का कानून कम से कम 12 महीने आगे बढाया जाए। वैसे भी पूरे उत्तराखंड में केवल दो ही हॉलमार्किंग सेंटर हैं पूरे प्रदेश के बीस हजार ज्वैलर्स के लिए यह संभव नहीं हैं कि वह अपना सोने का समान लेकर एक जिले से दुसरे जिले की यात्रा करे और इतना बड़ा रिस्क उठाकर जिसमे उसकी जान को भी खतरा तब जाकर कही वह अपने आभुषण को हॉलमार्क कराए यह एक ज्वैलर्स के लिए संभव न हो पायेगा। जब तक उत्तराखंड के सम्पूर्ण 13 जिलो मे पुरे तरीके से हॉलमार्क केंद्र नहीं बन जाते तब तक फिलहाल अभी हॉलमार्क को अनिवार्य न किया जाए और हॉलमार्क के साथ जो ये यूनिक आई . डी वाला कानून ज्वैलर्स पर थोपा जा रहा हैं उसे कतई बर्दाश नही किया जायेगा। कृपया स्वर्ण व्यवसायी करने वाले व्यापारियों की मनोदशा को समझ कर और उसके ऊपर इस तरह के कानून को थोपने का कार्य न करे अन्यथा स्वर्णकार। ज्वैलर्स कारोबार मृणासन स्थिति में पहुंच जाएगा लाखो दुकानदार बेरोजगार हो जायेंगे और उन्ही के साथ लाखो कर्मचारी भी बेरोजगार हो जायेंगे कृपया आपसे अनुरोध है कि स्वर्ण व्यवसाय की मनोदशा को समझ कर ही कोई निर्णय ले।ताकि स्वर्णकार व्यवसाय जैसा चल रहा हैं वैसा ही चलता रहे। हालमार्क का कानून हमारे स्वर्ण व्यवसायियों द्वारा स्वीकार्य हैं ताकि ग्राहक को अच्छा समान मिल सके लेकिन जो यूनिक आई डी नोट करने वाला कानून हैं यह स्वीकार्य नही हैं यह यूनिक आई.डी नंबर केवल मल्टीनेशनल कंपनी तक ही सीमित रहना चाहिए।