भगवान के भोग (प्रसाद) को पवित्रता के साथ बनाया जाएः महाराज

-कहा मिलावटी वस्तुएं रसोई तक नहीं पहुंचनी चाहिए

देहरादून। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डू के प्रसादम में मिलावट दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सरासर हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ है। उत्तराखंड में जहां-जहां भी भगवान का भोग बनता है हमने उसकी पवित्रता बनाए रखने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश के पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डू के प्रसादम में मिलावट दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सरासर हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जहां-जहां भी भगवान का भोग बनता है वह बड़ी पवित्रता के साथ बनता है, लेकिन आंध्र प्रदेश की घटना के बाद हमने सचिव धर्मस्व को निर्देश देते हुए कहा है कि प्रदेश में जहां-जहां भी भगवान का भोग बनता है वह शुद्धता व पवित्रता से बने और उसमें किसी भी प्रकार की मिलावटी वास्तु रसोई तक न पहुंचने पाये।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसादम की पवित्रता और शुद्धता का बड़ा प्रचार प्रसार है इस प्रकार हमारे यहां भी विभिन्न पौराणिक मंदिरों के प्रसाद का अपना एक धार्मिक महत्व है। इसलिए उसकी पवित्रता और शुद्धता बनाएं रखना भी बेहद जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भगवान के प्रसाद और भोग को बनाने में पवित्रता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए।

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