महिला एवं बाल कल्याण से संबंधित भारतीय मानकों की दी जानकारी

– भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा भारतीय मानकों पर एक दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यक्रम एवं कार्यशाला का आयोजन

देहरादून। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), देहरादून शाखा कार्यालय द्वारा आज महिला एवं बाल विकास विभाग, नंदा की चौकी, प्रेमनगर, देहरादून में भारतीय मानकों पर आधारित एक दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यक्रम एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला भारतीय मानक ब्यूरो के विशेषज्ञों द्वारा संचालित की गई, जिसमें महिला एवं बाल कल्याण से संबंधित विभिन्न भारतीय मानकों की जानकारी, उनके अनुप्रयोग एवं क्रियान्वयन के व्यावहारिक पहलुओं पर चर्चा की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक सौरभ तिवारी द्वारा किया गया। उन्होंने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य स्पष्ट किए और बताया कि भारतीय मानकों की जानकारी और उनका प्रभावी अनुप्रयोग आमजन के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में सहायक होता है।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड के निदेशक डॉ. प्रशांत आर्या ने भारतीय मानक ब्यूरो की इस पहल की सराहना की तथा कहा कि विभाग के कर्मचारियों को इस तरह की जानकारी से न केवल अपनी सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायता मिलेगी, बल्कि वे उपभोक्ताओं को भी सही मार्गदर्शन दे सकेंगे। कार्यक्रम के तकनीकी सत्रों का संचालन भारतीय मानक ब्यूरो के विशेषज्ञ श्री शशि भूषण सिंहा एवं प्रसिल्ला देसी द्वारा किया गया। उन्होंने विभाग से संबंधित महत्त्वपूर्ण भारतीय मानकों, जैसे पोषण, सुरक्षा, बाल उत्पादों के गुणवत्ता मानकों और सेवाओं में गुणवत्ता नियंत्रण जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी प्रदान की।
भारतीय मानक ब्यूरो, भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन कार्यरत एक राष्ट्रीय मानक निकाय है। यह संस्थान आईएसआई मार्क के तहत उत्पाद प्रमाणन, हॉलमार्क योजना के अंतर्गत आभूषणों की गुणवत्ता की पुष्टि, और अन्य प्रमाणन योजनाओं का संचालन करता है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त उत्पाद एवं सेवाएं उपलब्ध कराना और निर्माताओं को मानकीकरण के माध्यम से तकनीकी मार्गदर्शन देना है। यह कार्यशाला महिला एवं बाल विकास क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए अत्यंत उपयोगी रही, जिससे वे अपने कार्यक्षेत्र में भारतीय मानकों को बेहतर रूप से लागू कर सकें। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के सभी जिलों से जिला कार्यक्रम अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े साथ ही विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी लगभग 70 लोग मौजूद रहे।

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