विधानसभा में मनमानी भर्तियों के सवाल पर भड़के पूर्व स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में मनमानी भर्तियों को लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल से पूछे सवाल पर वे भड़क गए। पूर्व स्पीकर प्रेम चंद अग्रवाल ने बेहद आक्रामक और चुनौती भरे अंदाज में कहा कि हां मैंने तीन प्रमोशन देकर डिप्टी सेक्रेटरी को विधानसभा का सचिव बनाया है। विधानसभा में तो पहले भी इसी तरह से नियुक्तियां होती रही हैं।
मौजूदा काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल 2017 से 2022 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं। इस दौरान हुई 73 से अधिक तदर्थ नियुक्तियों व ब्लैक लिस्टेड कंपनी आरएमआरएस द्वारा सीधी भर्ती के 33 पदांे को लेकर घमासान मचा हुआ है। अब ये मांग हो रही है कि राज्य गठन के बाद से अब तक हुईं सभी नियुक्तियों की जांच कराई जाए। मीडिया में यह मामला छाया हुआ है। शनिवार को मीडिया ने धामी सरकार के वित्त मंत्री व पूर्व स्पीकर प्रेम चंद अग्रवाल से इस मुद्दे पर सवाल किए। प्रेम का जवाब देने का अंदाज बेहद आक्रामक और चुनौतीभरा था। उन्होंने कहा कि हां मैंने नियुक्तियां कीं हैं। पहले भी ऐसे ही नियुक्तियां होती रही है। सियासी लोगों के चहेते की नियुक्तियों पर कहा कि हां यह भी हुआ है। वे परिधि में आ रहे थे। ऐसा क्यों के सवाल पर कहा कि गैरसैंण में मैनपावर की जरूरत थी। लिहाजा टेंपरेरी अरेजमेंट के तहत ऐसा किया गया है। वे इस सवाल पर भड़क गए कि आखिर क्या वजह रही कि इन लोगों को वेतन के लिए पैसा आपके वित्त मंत्री बनने के बाद ही रिलीज किया गया। पूर्व स्पीकर से यह भी पूछा गया कि एक जूनियर अफसर को कई लोगों की वरिष्ठता को नजर अंदाज करके सीधे सचिव क्यों बनाया गया। इस पर प्रेमचंद अग्रवाल ने फिर उसी अंदाज में कहा कि हां मैंने उसे तीन प्रमोशन देकर सचिव बनाया है। नियमों के तहत प्रमोशन में उन्होंने शिथिलता दी है। इसमें कहीं कोई अनियमितता नहीं हैं। बता दें की विस के मौजूदा सचिव मुकेश सिंघल पहले डिप्टी सेक्रेटरी यशोध थे। इन्हें सचिव बनाने के लिए पहले ज्वाइंट सेक्रेटरी और तुरंत ही एडिशनल सेक्रेटरी पद पर प्रमोट किया गया। फिर प्रभारी सचिव बनाया गया और स्पीकर का कार्यकाल समाप्त होने से ऐन पहले स्थायी सचिव बना दिया गया। अहम बात यह भी कि सभी प्रमोशन एक साल के अंदर ही दे दिए गए। सचिव की नियुक्ति के लिए कोई आवेदन नहीं मांगा गया और न ही न्याय विभाग से प्रतिनियुक्ति पर तैनाती का कोई प्रयास किया गया। ’एक साथ तीन प्रमोशन के मामले में स्पीकर को शिथिलता देने का अधिकार नहीं है।

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