देहरादून। उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद गगोडिया उर्फ घन्ना भाई का निधन हो गया है। उन्होंने देहरादून के महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। बीते दिनों तबीयत खराब होने पर उन्हें महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां घनानंद को कई दिनों से वेंटिलेटर पर रखा गया था। वहीं, उनके निधन की खबर से प्रशंसकों और परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई है।
प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद उर्फ घन्ना भाई का दो माह पूर्व इंद्रेश हॉस्पिटल में प्रोस्टेट का ऑपरेशन हुआ था। वहीं, घनानंद को यूरिन में ब्लड आने के कारण हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। जांच में पता चला कि घनानंद की प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ी हुई थी। जिसके बाद उनका 5 नवंबर 2024 को ऑपरेशन कराया गया। बताते चलें कि उत्तराखंड के मशहूर हास्य कलाकार घनानंद गगोडिया का जन्म गढ़वाल मंडल में साल 1953 में हुआ। घनानंद की कैंट बोर्ड लैंसडाउन जिला पौड़ी शिक्षा दीक्षा गढ़वाल हुई। उन्होंने साल 1970 में रामलीलाओं में हास्य कलाकार के रूप में सफर शुरू किया। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड की कई फिल्मों में भी काम किया है। जिसमें घरजवैं, चक्रचाल, बेटी-ब्वारी, जीतू बगड़वाल, सतमंगल्या, ब्वारी हो त यनि, घन्ना भाई एमबीबीएस, घन्ना गिरगिट और यमराज प्रमुख हैं। घनानंद साल 1974 में रेडियो और बाद में दूरदर्शन में भी कई कार्यक्रम किए। उन्होंने राजनीति में भी किस्मत आजमाई और साल 2012 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर पौड़ी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।जिसके बाद वो चुनाव में बीजेपी के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका में उतरते रहे हैं।
घनानंद ‘घन्ना भाई’ ने हास्य कलाकार के रूप में अपने सफर की शुरुआत 1970 में रामलीलाओं में नाटकों से की थी। 1974 में उन्होंने रेडियो और बाद में दूरदर्शन के साथ साथ गढ़वाली और कुमाऊंनी फिल्मों में हास्य कलाकार के रूप में काम किया। कम ही लोग जानते हैं कि उनका पूरा नाम घनानंद गगोडिया था। घनानंद ने उत्तराखंड की कई फिल्मों में अपने अभिनय से अमिट छाप छोड़ी। सुपरहिट फिल्म घरजवें से लोग उन्हें घर-घर पहचानने लगे थे। उनके हास्य अभिनय ने लोगों का हंसा-हंसा कर बुरा हाल कर दिया था। चक्रचाल में उन्होंने कमाल का अभिनय किया था। बेटी-ब्वारी, जीतू बगडवाल, सतमंगल्या, ब्वारी हो त यनि, घन्ना भाई एमबीबीएस, घन्ना गिरगिट और यमराज जैसी हिट फिल्मों में भी घनानंद ने उच्चकोटि का काम किया था।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके निधन पर दुख जताया है। सीएम धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद ‘घन्ना भाई’ के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर, दिवंगत आत्मा को श्री चरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों व समर्थकों को यह असीम कष्ट सहने की शक्ति प्रदान करें। आपकी सरलता, मृदुता और अद्वितीय अभिनय शैली ने लोगों को न केवल हंसाया, बल्कि जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को एक अलग दृष्टिकोण से देखने का नजरिया दिया। उत्तराखण्ड के फिल्म जगत और अभिनय के क्षेत्र में आपके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। आप सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। घन्ना भाई उत्तराखंड रंगमंच के मंझे हुए कलाकार थे। उनका जन्म 1953 में पौड़ी के गगोड़ गांव में हुआ था। उनकी शिक्षा कैंट बोर्ड लैंसडाउन जिला पौड़ी गढ़वाल से हुई थी। वो सहज कलाकार थे। फिल्म या रंगमंच पर उन्हें जो रोल मिलता उसमें वो ऐसे रम जाते कि अगर उनका कॉमेडियन का रोल होता तो वो हंसाते-हंसाते लोटपोट कर देते। अगर चरित्र अभियन होता तो उसमें भी वो अपनी छाप छोड़ते थे।