-28 जनवरी से 14 फरवरी तक महिला खिलाड़ी के लिए निशुल्क इलाज
देहरादून। 38वंे राष्ट्रीय खेल के महोत्सव उपलक्ष्य में देवभूमि उत्तराखंड की समर्पित स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता संजय द्वारा राष्ट्रीय महिला खिलाड़ियों का निःशुल्क उपचारध्परामर्श करने की घोषणा की है। खेल एवं स्वास्थ्य का विशेष संगम है। यदि खिलाड़ी स्वस्थ होगा तो वह बेहतर प्रदर्शन कर सकेगा। डॉ. सुजाता संजय स्त्री एंव प्रसूति रोग विशेषज्ञ, संजय मैटरनिटी सेन्टर जाखन ने एक अनुठी मिसाल पेश करते हुऐ, “38 वे राष्ट्रीय खेल“ के अवसर पर इन्होंने यह घोषणा की है कि वो महिलाओं खिलाड़ियों को निःशुल्क परामर्श प्रदान करेंगी।
डॉ. सुजाता संजय का मानना है कि हमारे खिलाड़ी किसी संकोच और निःस्वार्थ भावना खेलों में पदक जीतने की कोशिश कर रहें है तो ये हमारा भी फर्ज बनता है कि हम उनके के स्वाथ्य की देखभाल सुनिश्चित करें, क्योंकि एक स्वस्थ महिला ही एक स्वास्थ समाज का निमार्ण कर सकती है।हम अपने देश के खिलाड़ियों के हमेशा ऋणी रहे है, और यह एक छोटा प्रयास है इस ऋण को चुकाने का डॉ. सुजाता संजय के समाज के प्रति निःस्वार्थ भाव से सेवा करने पर इन्हें 100 वूमेन अचीवर्स ऑफ इंडिया अवार्ड से भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणर्व मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
लड़कियों के लिए इस समाज में ज्यादा चुनौती है और जो चुनौती उनके लिए सबसे बड़ी और अनुपलब्धता है वह है मासिक धर्म। महिला खिलाड़ियों के लिए मासिक धर्म के दौरान मैच या रियाज दोनों के लिए ही मुश्किल बढ़ जाती है। इन दिनों 70 प्रतिशत महिला खिलाड़ी मासिक धर्म के दौरान परेशान रहती हैं। सायकोलॉजी की बात करें तो उनके मन में इसे लेकर डर रहता है। बॉडी में एनर्जी लेवल कम हो जाता है, वह मेहनत नहीं कर पाती, हॉर्मान का बैलेंस बिगाड़ता है, ब्लड लॉस होने से कमजोरी महसूस होती है। यही वजह है कि वे दौड़ नहीं पातीं। और अगर मासिक धर्म के दौरान कोई कॉम्पीटिशन आ जाए तो समझो सारी मेहनत बर्बाद। वह कितने ही फॉर्म में हों उनका कॉन्फिडेंस लेवल कम हो जाता है। अपने टारगेट ही पूरे नहीं कर पातीं। मेरे मुताबिक महिलाओं के लिए स्पोर्ट्स में ये सबसे बड़ी समस्या है। डॉ. सुजाता संजय ने बताया कि हर क्षेत्र में आज लड़कियों के कदम आसमान की बुलंदियों को छू रहे हैं। डॉ. सुजाता संजय ने बताया है कि निःशुल्क परामर्श पाने के लिये खिलाड़ियों. को सिर्फ अपना कार्ड लाना होगा।