देहरादून। भारत रत्न डॉ भीम रॉव अंबेडकर की जयंती पर भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर को सही सम्मान देने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 नवंबर 2015 को किया था जब संसद में दो दिन की परिचर्चा आयोजित की गई। उससे पहले कानून दिवस के रूप में इस दिन को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इसे संविधान दिवस के रूप में मनाया जाए। इस अवसर पर सभी विशिष्टजनों ने डॉ. अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया।
श्री गौतम ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर केवल दलितों के नेता नहीं थे वरन वह दबे, कुचले, गरीबों के नेता था। जल संरक्षण, पांच बाधों के निर्माण, महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की बात उठाने वाले पहले विशिष्ट व्यक्तित्व थे डॉ. अम्बेडकर। दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि बंगाल की एक घटना की चर्चा करते हुए कहा कि बंगाल मे एक बड़े नेता ने दलितों के संदर्भ में जो टिप्पणी की है तथा उन्हें भिखारी कहा गया है उसका तथाकथित किसी दलित हितैषी किसी दल ने खंडन नही किया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने दलित समाज को बराबरी का दर्जा दिलाने का कार्य किया। यही कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दलित समाज को नौकरी देने वाला बनाना चाहते हैं, मांगने वाला नहीं। डॉ. अम्बेडकर समरस भारत के पक्षधर थे।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने समाज में प्रतिकूल परिस्थितियों में अपमानित होकर कार्य करने का काम किया है। ऐसे ही बिरले लोग देश का भाग्य संवारते हैं। वह हताश, निराश नहीं हुए। ऐसे समय में जब तमाम विपरीत परिस्थितियां थी। उन्होंने डंके की चोट पर कहा था कि मैं भारतीय हूं, जो अपने आप में विशिष्ट चर्चा थी। उन्होंने कहा कि ऐसे संविधान विशेषज्ञ को कांग्रेस ने संसद में नहीं पहुंचने दिया जो दुर्भाग्यपूर्ण था। इतना ही नहीं कांग्रेस के कार्यकाल में उन्हें भारत रत्न देने का कार्य भी नहीं किया और कांग्रेस ने उन्हें चुनाव हराकर उपेक्षित करने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि गैर कांग्रेसी सरकार ने डॉ. अम्बेडकर को भारत रत्न दिलाया। वर्षों पूर्व जो सम्मान मिलना चाहिए था वह उन्हें बहुत बाद में मिला। डॉ. अम्बेडकर सशक्त भारत निर्माण के सबल पक्षधर थे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मलिन बस्तियों का विनियमितिकरण के साथ-साथ सुधारीकरण किया जाएगा। डॉ. अम्बेडकर जयंती पर दबे कुचले और गरीब लोगों के लिए इससे बड़ा और सम्मान नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के रूप में मलिन बस्तियों के विनियमितिकरण और सुधारीकरण की घोषणा करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर पहले कानून मंत्री थे, लेकिन उनको जितना सम्मान मिलना चाहिए था, कांग्रेस के शासनकाल में नहीं मिल पाया। दलितों के नाम पर राज करने वाली कांग्रेस ने डॉ. अम्बेडकर को उपेक्षित बनाए रखा। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने की तथा संचालन उपाध्यक्ष अनिल गोयल ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एवं प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सदस्य दुष्यंत कुमार गौतम उपस्थित थे।अन्य विशिष्टजनों में टिहरी सांसद महारानी राज्यलक्ष्मी शाह ,प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र भसीन,प्रदेश मंत्री मधु भट्ट, प्रदेश कोषाध्यक्ष पुनीत मित्तल, प्रदेश कार्यालय सचिव कौस्तुबा नंद जोशी, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान, प्रदेश प्रवक्ता खजान दास, विनय गोयल, विनोद सुयाल, विश्वास डाबर प्रदेश प्रवक्ता खजान दास, विनय गोयल, विनोद सुयाल, कमलेश उनियाल , सुनील सैनी आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।