देहरादून। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार, देहरादून के तत्वावधान में सावन महीने की संग्रांद एवं भाई तारु सिंह जी का शहीदी दिवस कथा कीर्तन के रूप में श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। प्रातः नितनेम के पश्चात भाई सतवंत सिंह ने आसा दी वार का शब्द सावन सरसी कामणी चरण कमल सिउ प्यार श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग के पश्चात भाई चरणजीत सिंह ने शब्द मुरदा होए मुरीद, न गलीं होवना प्रस्तुत किया।
हैड ग्रंथी भाई साहिब शमशेर सिंह ने कहा कि सावन का महीना वर्षा लेकर आता है जिससे चारोें तरफ वनस्पति खिलतीं हैं वैसे ही प्रभु के साथ जुड़े हुए इंसान का मन प्रसन्न होता है जिसने प्रभु चरणों में मन जोड़ा है। भाई तारु सिंह सर्वत्र का भला एवं सेवा करते, अपने घर में जरूरतमंद मुसाफिरों को रखते तथा सेवा करते, मुस्लिम बच्ची के पिता रहीम बख्श कि वेनती सुन कर बच्ची जाफिर बेग को मार कर बच्ची सलमा को वापिस लाये जिस कारण भाई साहिब की खोपड़ी उतारने का हुक्म जकरिया खान ने दे दिया स भाई साहिब ने सिखी को केसाँ सुआसां संग निभाया और पापी जकरिया खान को अपने जूती के वार से नरक में भेज कर ही अपनी शहादत दी। भाई साहिब ओमवीर सिंह ने शब्द सतगुर आगे शीश भेंट देयो जे सतगुर साचे भावे ष्का गायन किया स उपरन्त सब के भले की अरदास के पश्चात संगत ने लंगर प्रशाद ग्रहण किया स संगत ने सरकारी गाइड्स लाइन्स का सख्ती से पालन किया। मंच का संचालन सेवा सिंह मठारु ने किया। सेवा करने वालों में प्रधान गुरबक्श सिंह राजन, महासचिव गुलजार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह चन्नी, सचिव अमरजीत सिंह छाबड़ा, मनजीत सिंह, सतनाम सिंह, राजिंदर सिंह राजा, दीदार सिंह,हरबंस सिंह बीबी जीत कौर जी आदि शामिल थे।