-मातृशक्ति, ईमानदार छवि और कर्तव्यनिष्ठा को सम्मान
-आमजनमानस और कार्मिकों में खुशी की लहर
देहरादून। उत्तराखण्ड में पहली बार शीर्ष प्रशासनिक पद संभालने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी को 6 माह का एक्सटेंशन दिए जाने के धामी सरकार के फैसले को मातृ शक्ति के सम्मान से जोड़ कर देखा जा रहा है। मध्य प्रदेश मूल की निवासी होने के बावजूद राधा रतूड़ी हमेशा उत्तराखण्ड की संस्कृति में रची बसी रहीं। उनकी ईमानदार अफसर की छवि और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें मुख्य सचिव के पद तक पहुंचाया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की खासियत रही है कि वह नौकरशाहों को उनकी छवि और क्षमता के आधार पर जिम्मेदारी सौंपते आए हैं। 1988 बैच की आईएएस राधा रतूड़ी को जनवरी 2024 में राज्य का मुख्य सचिव बनाया गया था। वह उत्तराखण्ड की पहली महिला अधिकारी हैं जो शीर्ष प्रशासनिक पद पर आसीन हुईं। उनको 31 मार्च 2024 को सेवानिवृत्त होना था किंतु उनकी प्रशासनिक क्षमता तथा व्यापक स्वीकार्यता को देखते हुए धामी सरकार ने 6 माह का एक्सटेंशन दिया। इसके बाद उन्हें 30 सितम्बर 2024 को रिटायर होना था। प्रदेश में कयास लगाए जा रहे थे कि राधा रतूड़ी के बात मुख्यमंत्री धामी किस अधिकारी को मुख्यसचिव की जिम्मेदारी सौंपेंगे ? तमाम चर्चाओं पर विराम लगाते हुए मुख्यमंत्री धामी ने एक अप्रत्याशित निर्णय लिया। राधा रतूड़ी को बतौर मुख्यसचिव दूसरी बार 6 माह का एक्सटेंशन दे दिया गया है। पूरे देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि मातृ शक्ति के सम्मान में किसी महिला मुख्यसचिव को लगातार दूसरी बार 6 महीने का सेवा विस्तार दिया गया है। काबिलेगौर यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अधिकारियों के हितों को लेकर भी सजग रहते हैं। वरिष्ठता के लिहाज से राधा रतूड़ी के बाद 1992 बैच के आईएएस आनंद वर्धन सबसे सीनियर अधिकारी हैं जिन्हे जून 2027 में सेवानिवृत्त होना है। अब दूसरी बार सेवा विस्तार मिलने के बाद राधा रतूड़ी 31 मार्च 2025 को रिटायर हो होंगी। उसके बाद यदि आनंद वर्धन मुख्य सचिव बनते हैं तो उन्हें एक वर्ष 3 माह का कार्यकाल बगैर सेवा विस्तार के मिल सकता है।
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