टिहरी, गढ़ संवेदना न्यूज। उत्तराखंड के टिहरी जिले में घनसाली तहसील क्षेत्र में भिलंगना विकासखंड अंतर्गत द्वारी गांव में स्थित प्रसिद्ध घंडियाल देवता (घंटाकर्ण देवता) मंदिर में जो भी श्रद्धालू सच्चे मन से कोई मन्नत मांगता है वह मन्नत अवश्य पूरी होती है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से यहां पहंुचते हैं। पहले इस मंदिर तक पैदल मार्ग से पहुंचा जाता था, लेकिन अब यह मंदिर सड़क मार्ग से जुड़ चुका है।
इस मंदिर तक पिलखी-द्वारी मोटर मार्ग से पहुंचा जाता है। इसके अलावा घनसाली और मुयालगांव से भी यहां पहुंचा जा सकता है। द्वारी गांव के मोलखा नामक स्थान में जिस स्थान पर घंडियाल देवता का यह मंदिर स्थित है वह बहुत ही दर्शनीय और मनोरम स्थान है। ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां से हिमालय की विभिन्न चोटियों के दर्शन होते हैं। ये हिमालय की चोटियां ऐसी प्रतीत होती हैं कि यहां से नजदीक ही हों। यहां से नैलचामी पट्टी के कई गांवों का विहंगम दृश्य दिखता है। यहां हर तीसरे वर्ष घंडियाल देवता की जात (जात्रा) का आयोजन होता है, जिसमें शामिल होने के लिए और घंडियाल देवता से मनौती मांगने के लिए काफी क्षेत्रों से लोग यहां पहुंचते हैं। घंडियाल देवता की जात में मुंबई, दिल्ली, देहरादून, टिहरी आदि क्षेत्रों में रहने वाले गांव के प्रवासी भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
भिलंगना प्रखंड अंतर्गत द्वारी गांव में घंडियाल देवता की जात 29 व 30 दिसंबर को
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