राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण के लिए कानून बनाने की मांग, यूकेडी ने सीएम को भेजा ज्ञापन

देहरादून। यूकेडी कार्यकर्ताओं ने राज्य आंदोलनकारियों के लिए क्षैतिज आरक्षण के लिए कानून बनाने के सम्बन्ध में जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। यूकेडी का कहना है कि क्षैतिज आरक्षण पर उच्च न्यायलय के फैसले से सरकार की घोर लापरवाही दर्शाता हैं। सही ढंग से सरकार द्वारा पैरावी नहीं की गयी, जिस कारण राज्यआंदोलनकारियों में हताशा है। हर कोई सरकार आंदोलनकारियों की हितैषी होने का ढोंग करती आयी हैं लेकिन जब भी ऐसे मुकदमें न्यायालय में चल रहे थे तब राज्य सरकारों ने सही ढंग से पैरवी नहीं की, जिसका नतीजा यह निकला कि रामपुर तिराहा काण्ड के दोषी व अपराधी बच गयेद्य क्षेतिज आरक्षण को लेकर जो बिल पूर्व सरकार द्वारा महामहिम राज्यपाल को भेजा गया था और वह बिल लंबित पड़ा रहा तब सरकार मौन थी, जबकि उच्च न्यायलय के आदेश के विपरीत पूर्ववर्ती सरकार सरकार मलिन बस्तियों को बचाने व शराब के ठेकेदारों के लाभ के लिए अध्यादेश लाकर उनको सुरक्षित किया। ज्ञापन में मांग की गई है कि सरकार अविलम्ब सदन बुलाकर पुनः क्षैतिज आरक्षण का क़ानून बनाये। विधानसभा चुनाव 2022 से पूर्व  चिन्हित किये गये आंदोलनकरियांे की सूची जो आचार सहिंता के कारण घोषित नहीं हुई, चयनित सूची को अविलम्ब घोषित की जाय। दल के केंद्रीय महामंत्री सुनील ध्यानी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार सुरेन्द्र कुमार को सौंपा गया। इस अवसर पर सुनील ध्यानी, प्रताप कुंवर, लताफत हुसैन, विजय बौडाई, राजेंद्र बिष्ट, विजेंद्र रावत, देवेंद्र रावत, सुमित डंगवाल, पंकज उनियाल आदि उपस्थित रहे।

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