-नवीनतम कौशल प्रशिक्षण केन्द्र सालाना 600 युवाओं को सतत जीविका के लिए कौशलयुक्त बनाएगा
देहरादून। डालमिया भारत समूह की कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) शाखा डालमिया भारत फाउंडेशन (डीबीएफ) ने बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत सामुदाय केंद्रित प्रयासों के जरिए झारखंड में 600 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य डीबीएफ की दीक्षा ( डालमिया इंस्टीट्यूट आफ नालेज एंड स्किल हारनेसिंग) केंद्र के तहत एक कौशल प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना कर आसपास के गांवों के युवाओं को प्लेसमेंट आधारित अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करना है। इस एमओए पर हस्ताक्षर चौधरी रत्नेश कुमार सुधांशु, उपमहाप्रबंधक (सीएसआर एंड सेल-उदय), सेल-बोकारो स्टील प्लांट और विशाल भारद्वाज समूह प्रमुख-सीएसआर, डालमिया भारत समूह व मुख्य कार्यकारी अधिकारी डालमिया भारत फाउंडेशन ने किए।
“अपनी स्थापना के वर्ष 2009 से ही हमने अपनी भूमिका को संसाधन उपलब्ध कराने वाले से परिवर्तित हो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाला होते देखा है। जहां हमने विकास व बेहतरी के लिए परिवर्तन का एक मानक उत्पन्न किया है वहीं हमारी कोशिश रहती है कि हम आर्थिक व पर्यावरणीय आवश्यकता को पूरा करते हुए सामाजिक दूरी को पाटने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं”, विशाल भारद्वाज समूह प्रमुख-सीएसआर, डालमिया भारत समूह व मुख्य कार्यकारी अधिकारी डालमिया भारत फाउंडेशन ने कहा। “अपने नेतृत्व एवं सामाजिक परिवर्तन को पाने के समर्पण के जरिये हम देश भर में लोगों को अवसर प्रदान करने के विजन पर काम करते रहेंगे. जिससे वह अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर बदले में समुदाय को योगदान दे सकें. हम बीएसएल से अपनी भागीदारी को लेकर आशान्वित हैँ और अपने उद्योग के शीर्षथों से भी जुड़ने का आह्वान करते हैँ. जिससे कि हम महत्वपूर्ण एवं टिकाऊ बदलाव लाकर सामाजिक, आर्थिक व पर्यावर्णिय प्रगति को सुरक्षित कर सकें। डीबीएफ के सहयोग से बोकारो स्टील सिटी में संचालित कौशल विकास केंद्र झारखंड में सामाजिक इको सिस्टम को मजबूत करने में मदद करेगा। जहां बीएसएल आधारभूत जरूरतों में मदद करेगा वही डीबीएफ दैनिक गतिविधियों का प्रबंधन दैनिक गतिविधियों का प्रबंधन और केंद्र पर फैकल्टी व प्लेसमेंट में मदद करेगा।
“बीएसएल एवं डी बी एफ एक साझा विजन व वैल्यू सिस्टम के साथ समाज में परिवर्तन लाने के लिए डेमोग्राफिक डिविडेंड को मजबूत करते हुए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण के जरिए सशक्त बना कर उन्हें बाजार के लायक तैयार कर रहे हैं”, चौधरी रत्नेश कुमार सुधांशु, उप महाप्रबंधक। “हमारा यह निश्चित मानना है कि इस मिली जुली योग्यता व अनुभव से हम दीक्षा में युवाओं को शिक्षित करते हुए उन्हें गुणवत्ता वह आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण देकर उद्योगों में रोजगार के लिए उपयोगी बनाएंगे”।
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