देहरादून। सीएसआईआर भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने अपना हीरक जयंती स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर डॉ संजीव कट्टी, प्रमुख, ऊर्जा केंद्र, ओएनजीसी इस समारोह के मुख्य अतिथि थे तथा डॉ शेखर सी मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थे। सर्वप्रथम संस्थान के डॉ. बी आर अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र में भारत रत्न डॉ. बी आर अंबेडकर जी को पुष्पांजलि अर्पित कर इस समारोह की शुरुआत की गई। डॉ. शेखर सी मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर तथा डॉ अंजन रे, निदेशक, आईआईपी ने भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीम राव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण किया और सभी को बाबा साहब की 130 वीं जयंती की शुभकामनाएं दीं। संस्थान के अनुसूचित जातिध् अनुसूचित जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ के कार्यकारिणी सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस शुभ अवसर पर डॉ शेखर सी मांडे ने आई आई पी में स्थापित अपशिष्ट प्लास्टिक से डीजल निर्माण संयंत्र से उत्पादित डीजल से प्रचालित वाहन(बस) के प्रथम ऑन रोड प्रदर्शन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। तदुपरान्त महानिदेशक ने संस्थान के बायोजेट प्लांट का दौरा किया और ग्रीन डीजल निर्माण प्रक्रम का मुआयना किया। सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. मांडे ने स्वयं इस ग्रीन डीजल प्रचालित प्रथम वाहन टियागो कार को स्वयं चला कर इस ग्रीन डीजल के वाहनों में प्रयोग का शुभारम्भ किया। आईआईपी के निदेशक डॉ अंजन रे ने बताया कि इस ग्रीन और पर्यावरण सौम्य ईंधन को ‘दिलसाफ’ (ड्रॉप इन लिक्विड सस्टेनेबल एविएशन और ऑटोमोटिव फ्यूल)नाम दिया गया है। इसके उपरांत संस्थान के एम जी कृष्णा सम्मेलन कक्ष में संस्थान के स्थापना दिवस कार्यक्रम के आगामी अंश का आयोजन किया गया। संस्थान गीत के साथ यह कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। तत्पश्चात संस्थान के वरिष्ठतम वैज्ञानिक डॉ सुदीप गांगुली ने संस्थान की स्थापना की संकल्पना से अब तक की 60 वर्षों की यात्रा तथा संस्थान द्वारा पेट्रोलियम और हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में विकसित प्रौद्योगिकियोंध्उत्पाद, इनसे होने वाले साम दृ आर्थिक व औद्योगिक हितलाभ के बारे में बताया और इस क्षेत्र में संस्थान की उपलब्धियों का संक्षिप्त उल्लेख भी किया। डॉ अंजन रे, निदेशक, आईआईपी ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि तथा अन्य सभी अतिथियों का परिचय दिया तथा सभी संस्थान कर्मियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ दीं। उन्होने कहा कि ऊर्जा मांग तथा पर्यावरण संरक्षण का सक्षम समाधान है देशीय अपशिष्ट कार्बन स्रोत और इनके उपयोग से न केवल हम आयात पर अपनी निर्भरता को कम कर देश की आर्थिक प्रगति में सहायक हो सकते हैं अपितु गाँव गाँव जन जन ग्रीन डीजल की को इस क्रांति का भागीदार बना कर साम-आर्थिक विकास में सहयोग दे सकते हैं। मुख्य अतिथि डॉ संजीव एस कत्ती ने सर्वप्रथम ऊर्जा केंद्र, ओ एन जी सी की गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी दी और तत्पश्चात उन्होने आई आई पी एवं अन्य सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के साथ साझेदारी और संयुक्त रूप से ऊर्जा क्षेत्र में किए जा रहे अनुसंधान कार्यों तथा संभावित अनुसंधान परियोजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होने लद्दाख में प्रारम्भ प्रथम जियो थर्मल परियोजना के बारे में जानकारी भी दी। इसे प्रधान मंत्री जी की कार्बन मुक्त और विकिसित लद्दाख की संकल्पना का प्रथम चरण माना जा सकता है, जो लद्दाख के सर्वांगीण विकास में सहायक होगा।