देहरादून। धर्मनगरी के लिए आए त्रिवेंद्र सरकार के एक नए फैसले ने देवभूमि में सनातनी परंपराओं को और भी अधिक विशुद्ध कर दिया है। त्रिवेंद्र सरकार ने धर्मनगरी हरिद्वार में संचालित होने वाली पशु वधशालाओं को प्रतिबंधित कर दिया है। अब यहां सनातनी परंपरा की बयार पहले से और अधिक स्वच्छंद हो बह सकेगी। ऐन कुंभ के मौके पर आए इस बेहद अहम फैसले के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की हर जगह सराहना हो रही है।
इन दिनोें कुंभ मेले की तैयारियां चल रही हैं। संतों के आखाड़ों के पेशवाई रंग में पूरी धर्मनगरी सरोबार है। सनातन धर्म की परंपराओं को सदियों से आगे बढ़ाते हुए देश और दुनिया के संत यहां की माटी के स्पर्श मात्र से स्वर्गानुभूति करते हैं। गैरसैण में चल रहे बजट सत्र से सनातन धर्म के अनुयाइयों के साथ ही धर्म नगरी के लिए ऐसी खबर आई है जिसे सनातन की परंपराओं के अनुपालन में बेहद सराहनीय कहा जा रहा है। दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने धर्म नगरी हरिद्वार में वधशालाओं को प्रतिबंधित कर दिया है। अब यहां पशुवधशालाएं संचालित नहीं हो सकेंगी। हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ मेले की विश्वभर में पहचान है। सनातन धर्म और संतों की दुनिया के विविध रंग इस मेले में दृष्टिगोचर होते हैं। वर्षों की साधना से निखरे संतों के दर्शन यहां होते हैं तो नागा साधुआंे का आत्मबल और धर्म के प्रति आस्था वैभव यहां दिखता है। बारह साल में एक बार होने वाला यह मेला धर्म की वह ध्वजा है जिसकी उंचाई और फैलाव समय के साथ फैलती ही जाता है। कुंभ मेले का पवित्र अवसर तो है ही सीएम त्रिवेंद्र ने यहां वधशालाओं पर प्रतिबंध लगाकर वह काम कर दिया है जिस पर रोक की बात तो कही जाती रही, लेकिन प्रतिबंध जैसा कड़ा फैसला लेने का साहस मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिखाया है।