देहरादून। चारों धामों के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा व्यवस्थाओं के ध्वस्त होने के कारण जो हालात बिगड़ गए थे अब वह धीरे-धीरे सामान्य होते जा रहे हैं। चार धाम यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर शासन-प्रशासन द्वारा कई सख्त कदम उठाये गये थे जिनका असर अब दिखने लगा है। हालांकि प्रशासन की सख्ती के कारण यात्रियों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है लेकिन अब धामों में पहुंचने वाले श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर पा रहे हैं।
प्रारंभिक तौर में गंगोत्री-यमुनोत्री और केदार धाम में बड़ी संख्या में यात्रियों के पहुंचने से जाम के साथकृसाथ अन्य तमाम तरह की समस्याएं पैदा हो गई थी। मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर प्रशासन द्वारा बिना पंजीकरण आने वाले यात्रियों को रास्ते से वापस लौटने और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद किए जाने के कारण बड़ी तादाद में यात्रियों को लौटाने से धामों में पहुंचने वालों भीड़ का दबाव अब कम होता जा रहा है। यात्रियों के पंजीकरण आदि की जांच का काम आगे भी जारी रखने की बात कही जा रही है। यात्रा मार्गों पर बनाए गए चेक पोस्टों पर जांच के बाद अब यात्रियों को आगे भेजा जा रहा है।
भले ही सरकार व प्रशासन के इस प्रयास से हालात सुधरे हो लेकिन हजारों की संख्या में लोगों का बिना दर्शन किये वापस लौट जाना सरकार की छवि के लिए ठीक नहीं माना जा रहा है। सभी चारों धामों में अब तक चार लाख से अधिक यात्रियों के दर्शन करने की बात कही जा रही है। जहां तक व्यवस्थाओं में सुधार की बात है तो यात्रा शुरू होने के बाद अब इन व्यवस्थाओं में कोई सुधार विशेष किया जाना भी संभव नहीं है।
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