उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लॉक के ग्राम क्यार्क निवासी पूर्व प्रधान विपिन सिंह राणा ने स्वरोजगार की अनूठी मिसाल पेश की है। उन्होंने अपनी पुश्तैनी छानी (घास-लकड़ी से बना कच्चा भवन) को ही स्वरोजगार का माध्यम बनाया है। बीते तीन वर्षों से वो यहां गोशाला संचालित कर रहे थे, लेकिन अब इसे उन्होंने होम स्टे में तब्दील कर पर्यटन विभाग में पंजीकृत भी करा दिया है। इससे देश-विदेश के पर्यटक छानियों के जनजीवन से रूबरू हो सकेंगे।
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 35 किमी दूर ब्लॉक मुख्यालय भटवाड़ी के पास बार्सू-दयारा मार्ग पर पर 38 वर्षीय विपिन की पुश्तैनी छानी है। यहां गर्मी व बरसात के दौरान उनका परिवार अपने मवेशियों के साथ रहता था। लेकिन, वर्ष 2017 से उन्होंने यहां गो पालन कर दूध बेचना शुरू कर दिया। इसकी शुरुआत उन्होंने एक होलिस्टन फ्रीजियन, दो जर्सी और दो बदरी गायों से की। लॉकडाउन के दौरान दूध की मांग घटी तो विपिन ने घी बनाकर बेचना शुरू कर दिया। इसी दौरान उनके मन में छानी को होम स्टे में तब्दील करने का विचार आया। विपिन बताते हैं कि होम स्टे बनाने में उन्हें दो माह का समय लगा। इसमें पर्यटकों की सुविधा के अनुरूप शौचालय भी तैयार किया गया। बताया कि एक दिन छानी में छह पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था है। गंगोत्री हाईवे से उनकी छानी की दूरी 3.5 किमी है। यहां पर्यटक व यात्री आसानी से पहुंच सकते हैं। जिला पर्यटन अधिकारी उत्तरकाशी प्रकाश खत्री कहते हैं कि यह काफी अच्छा आइडिया है। पर्यटक घास-लकड़ी से बने कच्चे मकानों में ठहरना अधिक पसंद करते हैं। जिले के गांवों का यह पहला होम स्टे है, जो छानी के स्वरूप में है।