-सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रतिशत में बढ़ोत्तरी
देहरादून। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शुक्रवार को 12वीं परीक्षा के परिणाम घोषित किए। हर बार की तरह इस बार भी लड़कियों ने बाजी मारी है और लड़कों की तुलना में उनके परिणाम 0.54 फीसदी अंतर से बेहतर रहे जबकि करीब 70,000 विद्यार्थियों ने 95 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त किए। वहीं इस वर्ष सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों से पास होने वाले बच्चों के प्रतिशत में काफी वृद्धि हुई है। इसके अंतर्गत इस साल यह 99.37 प्रतिशत दर्ज किया गया जो पिछले वर्ष के 88.8 प्रतिशत से लगभग 10 फीसदी अधिक है।
इस संबंध में बोर्ड के प्रवक्ता के मुताबिक लड़कियों ने 0.54 फीसदी के अंतर से लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है। इस साल उत्तीर्ण प्रतिशत 99.37 फीसदी है। किसी प्रावीण्य सूची की घोषणा नहीं की जा रही है। करीब 65,000 विद्यार्थियों के 12वीं कक्षा के परिणाम अब भी तैयार किए जा रहे हैं, इनकी घोषणा पांच अगस्त तक की जाएगी। कुल 70,004 विद्यार्थियों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक और 1,50,152 विद्यार्थियों ने 90 प्रतिशत से अधिक हंक हासिल किए। इसके अलावा 6149 विद्यार्थी पूरक श्रेणी में हैं।
बोर्ड की परीक्षाएं कोविड-19 की दूसरी लहर के मद्देनजर इस साल रद्द कर दी गई थी और परिणाम बोर्ड द्वारा वैकल्पिक मूल्यांकन नीति के आधार पर घोषित किए गए हैं। कक्षा 12 के छात्रों के अंकों के मूल्यांकन के लिए बोर्ड के 40ः30ः30 फॉर्मूले के अनुसार, छात्रों का मूल्यांकन उनकी कक्षा 12, कक्षा 11 और कक्षा 10 के अंकों के आधार पर किया गया है। प्रत्येक विषय के थ्योरी अंकों की गणना इस वर्ष की शुरुआत में उनके स्कूलों द्वारा आयोजित विषय प्री-बोर्ड या मिड-टर्म परीक्षा में प्राप्त अंकों से 40 प्रतिशत का उपयोग करके की जाएगी, उनके 11 वीं कक्षा की अंतिम परीक्षा के अंकों से 30 प्रतिशत , और उनके कक्षा 10 के बोर्ड परीक्षा परिणाम से 30 प्रतिशत इसे वास्तविक अंकों में जोड़ा जाएगा जो उन्हें उस विषय के लिए कक्षा 12 के आंतरिक मूल्यांकन और प्रायोगिक परीक्षा में मिले थे। जो छात्र मूल्यांकन के तरीके या उनके द्वारा प्राप्त अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, उन्हें बोर्ड द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। जब परीक्षा आयोजित करने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हों।