सीबीआई ने 350 करोड़ रु. से अधिक के क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन पर डिजिटल करेंसी पोंजी स्कीम मामले में 7 आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया

नई दिल्ली। सीबीआई ने 350 करोड़ रु. से अधिक के क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर उच्च रिटर्न का वादा करने वाली डिजिटल करेंसी पोंजी स्कीम से संबंधित मामले में 7 आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया। 7 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 10 स्थानों पर तलाशी ली गई; 34 लाख रु. की नकदी, क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में 38,414 अमेरिकी डॉलर (लगभग) की डिजिटल वर्चुअल संपत्ति सहित कई आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य एवं उपकरण बरामद किए गए।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 के साथ पठित धारा 120 बी एवं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी के तहत दिल्ली, हजारीबाग, बठिंडा, रतलाम, वलसाड, पुदुक्कोट्टई, चित्तौड़गढ़ शहरों में स्थित, सात आरोपी व्यक्तियों (जो अलग-अलग संगठित साइबर अपराध मॉड्यूल संचालित कर रहे हैं) के विरुद्ध मामला दर्ज कियाl यह आरोप है कि आपराधिक षडयंत्र में कार्य करने वाले आरोपी व्यक्ति, क्रिप्टोकरेंसी निवेश आधारित उच्च रिटर्न का वादा करते हुए विभिन्न पोंजी व धोखाधड़ी वाली योजनाएं सक्रिय रूप से चला रहे हैं। उन पर इन अनियमित जमा योजनाओं में निवेशकों को लुभाने हेतु झूठी व भ्रामक जानकारी को बढ़ावा देने, वादा करने व प्रसारित करने का भी आरोप है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जैसे नियामक प्राधिकरणों से अपेक्षित अनुमोदन के बिना संचालित होते हैं।

जांच के सन्दर्भ में, सीबीआई ने दिल्ली, झारखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु एवं राजस्थान सहित सात राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 10 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के परिणामस्वरूप 34.2 लाख रु. (लगभग) की नकदी के साथ ही सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक टैबलेट, तीन हार्ड डिस्क, 10 पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड, एटीएम/डेबिट कार्ड एवं कई आपत्तिजनक दस्तावेज सहित महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य भी बरामद हुएl इस क्रम में आगे, आरोपी व्यक्तियों के क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में कुल 38,414 अमेरिकी डॉलर (लगभग) की डिजिटल वर्चुअल संपत्ति जब्त की गई, जिसे जांच के लिए डिजिटल रूप से सुरक्षित कर लिया गया।

इन पोंजी स्कीमों को कई सोशल मीडिया समूहों के माध्यम से प्रोत्साहन दिया जा रहा था। बैंक खातों के लेन-देन एवं क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के विश्लेषण से ज्ञात हुआ कि इन स्कीमों से प्राप्त अवैध धनराशि को क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया जा रहा था ताकि उसके स्रोत को छिपाया जा सके। जांच में पता चला है कि आरोपियों के पास कई बैंक खाते एवं क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जैसे CoinDCX, WazirX, Zebpay तथा BitBns के साथ वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) वॉलेट हैं। दो वर्ष की अवधि में, इन खातों एवं वॉलेट्स में 350 करोड़ रु. से अधिक का लेन-देन हुआ। पीड़ितों को कथित तौर पर ऑनलाइन लोन, ऑनलाइन लकी ऑर्डर, यूपीआई धोखाधड़ी व इंटरनेट बैंकिंग घोटाले जैसे विभिन्न बहाने बनाकर ठगा गया।

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