देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा के अनुरूप श्रीबदरीनाथ धाम को ‘स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन’ के रूप में विकसित किए जाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के दिशानिर्देशन में सूबे के पर्यटन विभाग ने इस परियोजना का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है, जिसका प्रजन्टेशन आज दिल्ली में विभिन्न पीएसयू के प्रतिनिधियों के सामने किया गया। इस दौरान सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने प्रतिनिधियों से इस प्रोजेक्ट को धरातल में उतारने के लिए सहयोग देने का आग्रह किया। सचिव पर्यटन उत्तराखंड शासन दिलीप जावलकर ने मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एवं दूरगामी विजन की छत्रछाया में बद्रीनाथ धाम का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसके लिए देशभर के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के अंतर्गत बद्रीनाथ धाम को ‘स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन’ के रूप में विकसित किया जाना है। उन्होंने कहा कि श्रीबद्रीनाथ धाम नर और नारायण पर्वत के बीच स्थित भारतवर्ष के प्रमुख चार धामों में से एक है और श्रद्धालुओं का परम प्रिय धार्मिक गंतव्य है। प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख से अधिक श्रद्धालु यहां पर दर्शनार्थ आते हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई संख्या, सीमित संसाधनों तथा भौगोलिक प्रतिबंधों के कारण यह आवश्यक हो गया है कि अब इस पवित्र धाम की क्षमता को बढ़ाने के लिए इसे एक मास्टर प्लान के अंतर्गत विकसित किया जाए। जावलकर ने कहा कि श्रीकेदारनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट ही श्रीबद्रीनाथ मास्टर प्लान योजना के लिए एक नोडल संस्था के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने इस विराट उद्देश्य की प्राप्ति के लिए भूदान तथा धन दान के लिए निजी व्यक्तियों का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप प्रदान होने पर श्रीबदरीनाथ धाम में पर्यटन सुविधाओं के विकसित होने से जहां पर्यटक एक बेहतर अनुभव प्राप्त कर सकेंगे वहीं इससे स्थानीय लोगों अच्छी आमदनी वाले रोजगार प्राप्त हो सकेंगे। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को उत्कर्ष प्रदान करने वाली परियोजना सिद्ध होगी। इस अवसर पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ प्रबंधकों में एचपीसीएल एस सुब्बा राव, ओएनजीसी के एस.एस. प्रतिभान एवं डी.के. सिंह, एनटीपीसी के डी.के. पटेल, पीएफसी के आर. मुरारी, टीएचडीसी के आर.एन. सिंह, कोल इंडिया के एच. एस. मिश्रा, एनएचपीसी के आर. के. अग्रवाल एवं विश्वजीत बासु, ऑयल इंडिया लिमिटेड के अपूर्व चतुर्वेदी, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के एल.एल. खोंगसाई बीपीसीएल के डी.आर. गोखले एवं रजनीश वर्मा आदि उपस्थित रहे।
—